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हरीश रावत का सरकार पर तीखा हमला: भ्रष्टाचार, कृषि और आपदा प्रबंधन पर उठाए सवाल

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला

हरीश रावत का सरकार पर तीखा हमला: भ्रष्टाचार, कृषि और आपदा प्रबंधन पर उठाए सवाल
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मसूरी में भगत सिंह को श्रद्धांजलि के बाद रावत ने सरकार को घेरा

  • सेब किसानों की अनदेखी और आपदा की चेतावनी पर बोले हरीश रावत
  • उत्तराखंड सरकार की नीतियों पर रावत का प्रहार, कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी

मसूरी। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्‍होंने भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन के मुद्दों पर सरकार को घेरा। रावत ने कहा कि कांग्रेस किसानों, आपदा राहत और भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक मुद्दों को उठाएगी और आने वाले समय में इन्हीं सवालों पर विधानसभा से लेकर सड़कों तक लड़ाई लड़ेगी।

मसूरी में भगत सिंह की जयंती पर देशभक्ति का माहौल देखने को मिला। भगत सिंह चौक पर अमर शहीद भगत सिंह अमर रहें और इंकलाब जिंदाबाद के नारों से वातावरण गूंज उठा। इस मौके पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मीडिया से बातचीत के दौरान हरीश रावत ने कहा कि कहा कि भगत सिंह केवल क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि मानवता के प्रतीक भी थे। उनका बलिदान आज भी युवाओं को अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा देता है। भगत सिंह के बलिदान ने महात्‍मा गांधी और नेहरू को शक्ति देने का काम किया है।

श्रद्धांजलि के बाद हरीश रावत ने राज्य सरकार को भ्रष्टाचार, कृषि नीतियों और आपदा प्रबंधन के मुद्दों पर घेरा।

उन्होंने कृषि और बागवानी विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया और कहा कि हाईकोर्ट तक इस पर संज्ञान ले चुका है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी पर निशाना साधते हुए रावत ने कहा कि उद्यान मंत्री नीतियों की जगह निजी लाभ में ज्यादा रुचि रखते हैं। सेब उत्पादकों को घोषित 51 रुपए प्रति किलो एमएसपी का अभी तक लाभ नहीं मिला है।

रावत ने 2013 की केदारनाथ आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को फिर से खड़ा किया था। उन्होंने चेतावनी दी कि 2025 में भी आपदा की आशंका है और सरकार को पहले से तैयारी करनी चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है।

उन्‍होंने पर्यटन पर बोलते हुए कहा कि पर्यटन दिवस, मसूरी का दिवस है। पर्यटन हमारी आजीविका का आधार है। मसूरी जैसे स्थलों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करनी होगी।


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