Top
Begin typing your search above and press return to search.

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय का 18वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न, छात्राओं ने पदकों में मारी बाजी

दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 400, परास्नातक में 131 एवं पी-एच0डी0 मंे 52 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह में दी प्रेरणा, बेटियों की शिक्षा और ड्रोन खेती पर दिया जोर

  • अनुराग पटेल को मिला कुलाधिपति और कुलपति स्वर्ण पदक, 26 मेडल विजेताओं में छात्राएं रहीं आगे
  • ड्रोन दीदी योजना, विकसित कृषि अभियान और स्वदेशी तकनीकों पर राज्यपाल का विशेष आह्वान
  • दीक्षांत समारोह में 583 विद्यार्थियों को मिली उपाधियाँ, विज्ञान और तकनीक से राष्ट्र निर्माण का संदेश

मेरठ। दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 400, परास्नातक में 131 एवं पी-एच0डी0 में 52 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की।

दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को 26 पदकों से पुरस्कृत किया गया। 13 पदकों को अपने नाम कर विष्वविद्यालय की छात्राएं रही अव्वल। अनुराग पटेल, बी0वी0एस0सी0 एण्ड ए0एच0 ने कुलाधिपति स्वर्ण पदक एवं कुलपति स्वर्ण पदक सहित 02 पदक अपने नाम किये।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 18वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, इस समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा की गयी। इस कार्यक्रम के विषिश्ट अतिथि, श्री सूर्य प्रताप षाही जी, मा0 मंत्री, कृशि, कृशि षिक्षा एवं अनुसंधान, उ0प्र0, मुख्य अतिथि, डा0 पंजाब सिंह, कुलाधिपति, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृशि विष्वविद्यालय, झांसी थे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 21 छात्रों को उनके उत्कृश्ट प्रदर्षन के लिए 26 पदक प्रदान किये। 26 पदको में से 16 पदक छात्राओं और 10 पदक छात्रों ने अपने नाम कर अपने कौषल का परिचय दिया।

दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 400, परास्नातक में 131 एवं पी-एच0डी0 मंे 52 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गयी। शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए कृषि महाविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, उद्यान महाविद्याल, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, डेयरी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, पषु चिकित्सा महाविद्यालय एवं कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के 26 छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति एवं कुलपति स्वर्ण, रजत व कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। चार छात्र-छात्राओं को प्रायोजित पदकों से भी सम्मानित किया गया। विष्वविद्यालय के स्नातक स्तर पर ऐकेडमिक एवं को-करिकुलर गतिविधयों में संयुक्त रूप से उत्कृष्ट प्रर्दशन हेतु अनुराग पटेल, बी0वी0एस0सी0 एण्ड ए0एच0 को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए माननीया राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि बेटिया इस बार भी पदक में आगे रही। उन्होंने अपने उद्बोधन की षुरूआत मेरठ के सांस्कृतिक एवं धार्मिक इतिहास को याद करते हुए षुरू किया। उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि आप इस विष्वविद्यालय से प्राप्त षिक्षा एवं कौषल का उपयोग कर देष के सीमान्त एवं मध्यवर्गीय कृशकों को खेती से सम्बन्धित उन्नत तकनीकों द्वारा उनके जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास करे तथा व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों द्वारा विकसित राश्ट्र के निर्माण में सार्थक योगदान दे। उन्होंने कहा कि आप यदि मन लगाकर अपनी बौद्धिक क्षमता एवं तकनीकी ज्ञान का उपयोग करेगे तो राश्ट्र को विकसित होने में कोई नहीं रोक सकेगा।

उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा देष को 2047 तक विकसित राश्ट्र बनाने के संकल्प में आप जैसे उर्जावान, सुगठित एवं प्रतिभावान युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। आज हमारा देष टैक्नोलोजी के माध्यम से सभी क्षेत्र कृशि हो, विज्ञान हो, प्रौद्योगिकी हो या षिक्षा का क्षेत्र का हो उत्कृश्ट कार्य कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देष में ड्रोन आधारित खेती पर ध्यान दिया जा रहा है। ड्रोन दीदी योजना लागू की गई है जिसमें यह योजना महिलाओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण देकर कमाई का एक नया माध्यम और आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर देगी। उन्होंने कहा कि जीवन को सुरक्षित रखने के लिए महिलाओं के स्वास्थ तथा षिक्षा पर ध्यान देना होगा। एक सषक्त समाज का निर्माण तभी होगा जब महिलाओं तथा बेटियों की षिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। हमें महिलाओं के पोशण लाभ पर ध्यान देना होगा और हर परिवार को मजबूत आधार मिल सके इसके लिए बालिकाओं की षिक्षा स्वास्थ पर ध्यान देते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि ड्रोन आधारित खेती बायोटैक्नोलोजी का समावेष कर उन्नतषील खेती की जाए। बीजों का उत्पादन किया जाए जो कम पानी एवं कम लागत में अधिक उत्पादन दे सके। ऐसी तकनीकों का विकास किया जाए जिससे आपदाओं के समय किसान सुरक्षित हो सके। देष में पर्यावरण सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर षोध किया जाना चाहिए। उन्होंने नई और उपयोगी तकनीकों को किसानों तक पहुँचाने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि छात्राओं की पढ़ाई पर ध्यान देना होगा तभी महिलाएं राश्ट्र को सषक्त बनाने में अपना योगदान दे पाएगी। देष के सीमान्त क्षेत्रों के लिए उचित प्रबंधन एवं तकनीकों का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाना होगा तभी वोे लोग भी विकसित भारत के निर्माण में भागेदारी दे सकेगे। उन्होंने कहा कि आर्टिफिषियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किसानों को फायदा होगा मौसम से सम्बन्धित सटीक जानकारी, रोगों के निदान की उपयोगी तकनीकों को किसान तक समय से पहुँचाने में यह तकनीकी लाभकारी साबित होगी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिषियल इंटेलिजेंस तकनीक का लोग सदुपयोग करे दुरूपयोग न करें।

विकसित कृशि अभियान में छात्र-छात्राएं एवं षिक्षक बने भागीदार।

प्रदेष की राज्यपाल आंनंदीबेन पटेल ने कहा कि देष में विकसित कृशि अभियान-2025 की षुरूआत 03 अक्टूबर, 2025 से की जा रही है और यह अभियान 18 अक्टूबर, 2025 तक चलाया जाएगा। इसमें विष्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर, पी0एच0डी0, षोध छात्र एवं षिक्षकों को टीम बनाकर गाँवों में जाना है, हर टीम को 03 गाँव में जरूर जाना हैं। उन्होंने कहा कि गाँव में जाकर सरकार की कृशि सम्बन्धी योजनाओं को उन्नतषील तकनीकों मृदा परीक्षण तथा मृदा स्वास्थ्य की जानकारी महिलाओं एवं किसानों के बीच जाकर देनी हैं। उन्होंने कहा कि किसान हमारे लिए पसीना बहाते है, अब हमें उनके लिए पसीना बहाना है और उनको जानकारी देनी हैं।

उन्हांेने छात्र-छात्राओं से कहा कि वो अपने जीवन में कृशि के ज्ञान को व्यवहारिकता में लाए तथा सरकार के द्वारा दिए जा रहे स्टार्टअप योजनाओं से जुड़कर लाभ उठाए। विष्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा छात्रों को इसमें मुख्य भूमिका निभाने का प्रयत्न करना चाहिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण स्तर पर किए जा रहे कार्यो की भी सराहना की। इस अवसर पर गाजियाबाद जनपद के 300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को किट प्रदान किया।

महामहिम ने आज के युग को विविधीकरण का युग कहा, जहाँ कृशि एवं कृशि से जुड़े व्यवसायों को एक प्लेटफाॅर्म पर लाए जाने की आवष्यकता हैं। महामहिम ने ड्रोन सखी परियोजना को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान के रूप में लेकर अपनी आय को बढ़ाने का उत्तम जरिया बताया। माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। “डिजिटल एग्रीकल्चर”, “ड्रोन टेक्नोलॉजी”, “सस्टेनेबल फार्मिंग” और “मिलेट्स का प्रचार-प्रसार” जैसे अभियान आज भारत को नई पहचान दिला रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि वैज्ञानिक शोध प्रयोगशालाओं तक सीमित न रहे, बल्कि किसानों के खेतों तक पहुँचे और उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाए।

मुख्य अतिथि के रूप में डा0 पंजाब सिंह, कुलाधिपति, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृशि विष्वविद्यालय, झांसी ने उपाधि पाने वाले छात्रों को बधाई प्रेशित करते हुए भारत के लौह पुरूश सरदार वल्लभभाई पटेल के चरित्र का अनुसरण करते हुए कृशि षिक्षा में उत्कृश्ट षोध कर भारतीय किसानों को सषक्त करने के लिए वचनबद्ध किया। उन्होंने उन्नत कृशि तकनीकी जैसे प्रिसीजन फार्मिंग, स्मार्ट खेती, सस्टेनेबल कृशि, सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था से किसानों को परिचित कराने पर जोर देते हुए विष्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व षोध छात्रों को इस परिवर्तनकारी युग में मौसम के अनुसार फसल सम्बंधित सलाह को किसानों तक पहुॅचाने की विधियो को विकसित करने पर ध्यान आकर्शित किया। देष में खाद्य तेल की समस्या को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों का आहवान किया। कृषि क्षेत्र चालू मूल्यों पर थ्ल्24 में देश की ळक्च् का लगभग 16 प्रतिशत योगदान देता है और लगभग 46.1 प्रतिशत आबादी को इसका समर्थन प्राप्त है। चुनौतियों के बावजूद, भारत का कृषि क्षेत्र लचीला है और थ्ल्17 से थ्ल्24 तक सालाना औसतन 5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर दिखाई है। थ्ल्25 के दूसरे तिमाही में, कृषि क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई, जो अनुकूल मौसम, कृषि पद्धतियों में सुधार और उत्पादकता तथा स्थिरता को बढ़ाने के लिए सरकार की पहलों के कारण है। डा0 पंजाब सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि का महत्व और भी अधिक है, जहां लगभग 60ः परिवार अपनी आजीविका के लिए इस क्षेत्र पर निर्भर हैं। भारत ने 2023-24 में 332.3 मिलियन टन अनाज, 24.2 मिलियन टन दालें, 453.2 मिलियन मीट्रिक टन गन्ना, 39.6 मिलियन टन तिलहन, 239.3 मिलियन टन दूध, 142.77 अरब अंडे और 10.2 मिलियन टन मांस का उत्पादन किया। यह सब सबूतों पर आधारित नीतियों और कार्यक्रमों, सेवाओं के निर्माण और कृषि-खाद्य प्रणाली में उन्नत तकनीकों के तालमेल के माध्यम से हासिल किया गया है, जिसका उद्देश्य सतत कृषि विकास और किसानों की भलाई है। उन्होंने कहा कि भारत में ग्रामीण महिलाएं आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो कृषि, उद्यमिता और सामुदायिक पहलों को आगे बढ़ाती हैं। भारत में कृषि कार्यबल में महिलाएं लगभग 80ः हैं, जिनमें 33ः कृषि श्रमिक और 48ः स्व-रोजगार वाली हैं। श्नमो ड्रोन दीदीश् योजना 15,000 चयनित महिला ैभ्ळ को ड्रोन देकर महिलाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखती है। डा0 पंजाब सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि लक्षित नीतियां लागू करके और शिक्षा, संसाधनों और समर्थन प्रणाली के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाकर, भारत सतत विकास और लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए उनके आर्थिक योगदान का लाभ उठा सकता है। कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों को पाठ्यक्रम सुधार और कौशल विकास के अवसरों के माध्यम से महिलाओं को तकनीकी कौशल से लैस करने और उनकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए। हम भारतीय कृषि के इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं। हम ऐसे देश हैं जो उपजाऊ भूमि, विविध पारिस्थितिकी तंत्र और समृद्ध कृषि परंपराओं से धन्य हैं। हमें दुनिया में दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक और चावल, गेहूं, कपास, गन्ना और फल-सब्जी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हमारे किसानों की अथक मेहनत, हमारे कृषि वैज्ञानिकों की कुशलता और सरकार की नीतियों का प्रमाण हैं, जैसे कि फसल में विविधता को बढ़ावा देना, प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (डैच्) बढ़ाना, किसान क्रेडिट कार्ड (ज्ञब्ब्) के माध्यम से किसानों को बेहतर वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराना, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना और माइक्रो-इरिगेशन प्रोजेक्ट और अन्य सहायक गतिविधियों के माध्यम से पानी का बेहतर उपयोग।

विषिश्ट अतिथि के रूप में श्री सूर्य प्रताप षाही जी, मा0 मंत्री, कृशि, कृशि षिक्षा एवं अनुसंधान, उ0प्र0 ने अपने व्यक्तव्य की षुरूआत भारत के लौहपुरूश सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुये प्रारम्भ की तथा दीक्षांत समारोह में उपाधि तथा पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को बधाई पे्रशित की। इस अवसर पर उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्रों से लौहपुरूश सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्षो का अनुसरण करते हुये अपने ज्ञान का प्रयोग भारतवर्श के किसानों के उत्थान हेतु करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि पष्चिमी उत्तर प्रदेष के उत्थान में कृशि विष्वविद्यालय की भूमिका की सराहना करते हुए भविश्य की चुनौतियों के अनुरूप कार्य करने का आहवान किया। पष्चिमी उत्तर प्रदेष में एग्रो टूरिज्म की सम्भावनाओं को तलाषने एवं इसे स्थापित करने का आहवान किया ताकि स्थानीय युवाओं को ग्रामीण स्तर पर रोजगार प्राप्त हो सके। विकसित भारत में छात्रों की भूमिका का जिक्र करते हुए छात्रों को अनुषासित होकर पढ़ाई करने एवं कार्यक्षेत्र में मेहनत से कार्य करने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि टैक्नोलोजी का जामाना है तकनीक का उपयोग करके हमें उन्नतषील प्रजातियाॅ विकसित करनी है। सब्जी उत्पादन तथा फल उत्पादन के क्षेत्र में ओर अधिक ध्यान देना है। इसके अलावा तिलहन एवं दलहन उत्पादन को बढाने का कार्य करना हैं। उन्होंने कहा कि धरती बीमार हो रही है उसको सुधारने की आवष्यकता है। हमें पोशणयुक्त अनाज उत्पादन कैसे हो इस पर भी ध्यान देना हैं।

कुलपति प्रो0 के0के0 सिंह ने दीक्षांत समारोह के दौरान विष्वविद्यालय की उपलब्धियों तथा भविश्य में चलाये जाने वाले कार्यक्रमों, परियोजनाओं एवं षिक्षा, षोध एवं प्रसार के बारे में विस्तार से बताया। कुलपति प्रो0 के0के0 सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य ऐसे छात्रों एवं छात्राओं को तैयार और प्रशिक्षित करना होता है, जिससे वे सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और दृढ़ता के साथ जीवन संघर्ष का सामना कर सके। उन्होंने विगत 01 वर्श में षिक्षण, षोध और प्रसार सम्बन्धित उपलब्धियों को रखा। कृशि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से 3500 ग्रामीण महिलाओं को लघु उद्यमिता विकास का प्रषिक्षण दिया गया जिसमें से 160 महिलाओं ने अपना लघु उद्यम षुरू किया हैं। विकसित कृशि संकल्प अभियान (खरीफ) द्वारा कृशि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों ने 2295 गाँवों में जाकर 4,59,000 कृषकों से सीधा संवाद कर कृशि की नवीनतम तकनीकों का हस्तान्तरण किया।

इस अवसर पर रूची कुमारी, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषि को कुलपति स्वर्ण पदक, रषमी सिंह, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषि को कुलपति रजत पदक, इषिता तोमर, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषि को कुलपति कांस्य पदक, अर्षिया षर्मा, बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति स्वर्ण पदक, सचिन यादव, बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति रजत पदक, स्वपनिल गुप्ता, बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यान को कुलपति कांस्य पदक, हर्शिता सिंह, बी0टैक0 (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक, योग्या सिंह, बी0टैक0 (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति रजत पदक, कीर्ति सिंह, बी0टैक0 (जैव प्रौद्योगिकी) को कुलपति कांस्य पदक, आदिति त्रिवेदी, बी0टैक0 (कृशि अभियांत्रिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक, सत्यम तिवारी, बी0टैक0 (कृशि अभियांत्रिकी) को कुलपति रजत पदक, रवि यादव, बी0टैक0 (कृशि अभियांत्रिकी) को कुलपति कांस्य पदक, सुमित दूबे, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक, खुषी त्यागी, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति रजत पदक, सिदरा जमीर, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) को कुलपति कांस्य पदक, रेषू राजपूत, बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक, पंकज कुमार, बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) को कुलपति रजत पदक, निधि राजपूत, बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) को कुलपति कांस्य पदक, अनुराग पटेल, बी0वी0एससी0एण्डए0एच0 को कुलपति स्वर्ण पदक, अंकित कौषिक, बी0वी0एससी0एण्डए0एच0 को कुलपति रजत पदक, श्रेया मिश्रा, बी0वी0एससी0एण्डए0एच0 को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गये।

इस दीक्षांत समारोह में 04 अतिरिक्त प्रायोजित पदक भी प्रदान किये गये। प्रायोजित मेडल में बी0एससी0 (ऑनर्स) उद्यान की छात्रा अर्षिया षर्मा को श्रीमती जावित्री देवी मेमोरियल स्वर्ण पदक, बी0टैक0 (कृषि अभियांत्रिकी) के छात्रा आदिति त्रिवेदी को ठा0 षषि पाल सिंह मेमोरियल स्वर्ण पदक, बी0टैक0 (खाद्य प्रौद्योगिकी) की छात्र सुमित दूबे को प्रो0 समषेर स्वर्ण पदक तथा बी0टैक0 (डेयरी प्रौद्योगिकी) की छात्रा रेषू राजपूत को सरिता मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

इस अवसर पर हैदराबाद की हार्टफुल संस्था के निदेषक रामराघवेन्द्रम के साथ एम0ओ0यू0 पर कुलपति, डा0 के0के0 सिंह ने हस्ताक्षर किए। इसके अलावा जय किसान कन्या इण्टर काॅलिज, दुल्हैडा के स्कूली बच्चों द्वारा पर्यावरण गीत प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा महिला सषक्तिकरण पर मानसी चैहान ने अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान 05 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी, गाजियाबाद को राजभवन द्वारा किताबें भेंट की गई।

कार्यक्रम के अन्त में कुलसचिव डा0 रामजी सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन डा0 पे्ररणा सिकरवार द्वारा किया गया। इस दौरान प्रबंध परिशद के सदस्य, एकेडमिक काउंसिल के सदस्य तथा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष भी उपस्थित रहें। राश्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

राज्यपाल महोदय ने कृशि विष्वविद्यालय की समीक्षा बैठक की।

सरदार वल्लभाई पटेल कृशि एवं प्रौद्योगिक विष्वविद्यालय, मेरठ में प्रसार निदेषालय के सभाकक्ष में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा की गई। उन्होंने हमारी यूनिवर्सिटी नषामुक्त एवं ड्रग्समुक्त हो, इसके अभियान चलाना होगा। कैम्पस में हॉस्टल तथा घरों के आसपास के क्षेत्र की साफ सफाई, हॉस्टल की साफ सफाई पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने परीक्षा के उपरान्त जल्द से जल्द परिणाम घोशित करने, अधिक से अधिक फंक्षनल एम0ओ0यू0 तथा पेटेन्ट बढाए जाने की बात कही। उन्होंने नैक की ग्रडिंग अच्छी जाने के लिए अभी से ध्यान देने की बात कही। उन्होंने डेयरी तथा हॉस्टल के अन्दर व बाहर की स्वच्छता पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने परिसर में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने तथा छात्रों के खेलकूद को बढावा देने के लिए स्टेडियम को ओर अधिक सुदृढ़ करने की बात कही। इस अवसर पर सूर्य प्रताप षाही, मा0 मंत्री, कृशि, कृशि षिक्षा एवं अनुसंधान, उ0प्र0, कुलपति डा0 के0के0 सिंह, जिलाधिकारी, मेरठ डा0 वी0के0 सिंह, कुलसचिव, डा0 रामजी सिंह, वरिश्ठ पुलिस अधीक्षक, डा0 विपिन ताड़ा तथा विभिन्न महाविद्यालयों अधिश्ठाता, निदेषकगण मौजूद रहे।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it