Top
Begin typing your search above and press return to search.

UP News: कंप्यूटर इंजीनियर फर्जीवाड़ा कर बन गया डॉक्‍टर, जानें पूरी कहानी

बहन ने की थी पति की डिग्री के गलत इस्तेमाल की शिकायत, सीबीआइ का भी रहा है वांछित, फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपित ने स्वीकारा अपराध

UP News: कंप्यूटर इंजीनियर फर्जीवाड़ा कर बन गया डॉक्‍टर, जानें पूरी कहानी
X
ललितपुर : UP News: बहनोई के दस्तावेज और नाम का गलत इस्तेमाल कर ललितपुर मेडिकल कालेज में डॉक्टर की नौकरी पाने वाला अभिनव सिंह बहन की शिकायत के बाद इस्तीफा देकर फरार हो गया था। शुक्रवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आश्चर्यजनक यह है कि उसकी तैनाती मेडिकल कालेज के कॉर्डियक केयर यूनिट में थी, जहां वह डॉ. राजीव गुप्ता (छद्म नाम) बनकर नौकरी कर रहा था। वास्तविक डॉक्टर राजीव गुप्ता, अभिनव सिंह के जीजा हैं और अमेरिका में रहते हैं। भाई अभिनव सिंह के फरेब की जानकारी जब बहन सोनाली सिंह को हुई तो उन्होंने जिला प्रशासन, मेडिकल कालेज प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया। इसकी भनक मिलते ही अभिनव सिंह मां की मृत्यु का झूठा कारण बता त्याग पत्र देकर फरार हो गया था। सोनाली सिंह की शिकायत से डाक्टर बहाली की प्रक्रिया और अस्पताल की व्यवस्था दोनों पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है।

जाली दस्तावेज लगाकर डाक्टर की नौकरी पा ली
उत्तर प्रदेश में ललितपुर के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि उसके पास से फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। अभिनव ने अपना अपराध स्वीकार किया है। पुलिस से बताया है कि उसने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। सीबीआइ द्वारा दर्ज एक मुकदमे में 2020 में जेल से छूटने के बाद उसने जाली दस्तावेज लगाकर डाक्टर की नौकरी पा ली। उसके पास से पुलिस को मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद, बंगाल मेडिकल काउंसिल व अन्य संस्थानों के कागजात मिले हैं। अभिनव के बारे में उसके जीजा ने मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया को जुलाई माह में ही जानकारी दी थी पर उस स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके खिलाफ पुलिस से उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ललितपुर डाक्टर रामनरेश ने शिकायत दर्ज कराई थी।

राजीव गुप्ता की डिग्री का गलत इस्तेमाल
कालेज के प्रधानाध्यापक डॉ. मयंक शुक्ला ने बताया कि अमेरिका में रह रहीं डॉ. सोनाली सिंह ने बुधवार को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका भाई अभिनव सिंह उनके पति राजीव गुप्ता की डिग्री का इस्तेमाल कर कालेज में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहा है। शुक्ला के अनुसार अभिनव सिंह ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 2022 में संस्थान में काम शुरू किया था। प्रारंभिक जांच से पता लगा कि अभिनव सिंह ने राजीव गुप्ता के दस्तावेज पर अपनी तस्वीर लगाकर खुद को राजीव गुप्ता के रूप में प्रस्तुत किया। अधिकारियों को यह भी जानकारी मिली है कि अभिनव ने आइआइटी रुड़की से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था, आइआरएस में चयन के बाद वहां से भी फरार हो गया था। अभिनव का परिवार फिरोजाबाद का मूल निवासी है। मद्रास और मुंबई में उसने कस्टम विभाग में नौकरी की थी। यहां उसने गड़बड़ी की थी, जिससे सरकारी राजस्व का नुकसान हुआ था। CBI ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। 2019 में वह गिरफ्तार हुआ था। मुंबई की विशेष आदलत से उसे सोलह माह की सजा हुई थी।

बच्चों के जन्म प्रमाण-पत्र में भी फर्जीवाड़ा

शातिर अभिनव ने न केवल अपनी पहचान बदली, बल्कि अपने बच्चों के जन्म प्रमाण-पत्र में भी पिता का नाम राजीव गुप्ता दर्ज करवाया। 2022 में अभिनव, डॉ. राजीव गुप्ता बन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चयनित हो गया। चयन समिति ने उसके अभिलेखों का सत्यापन ठीक से नहीं कराया। इसका लाभ उठाकर वह मेडिकल कालेज में हृदय रोग विभाग में सीसीयू यूनिट का इंचार्ज तक बन गया। सूत्र बताते हैं कि सीसीयू में तैनात होने के बाद भी चूंकि उसे मशीन आपरेट करना नहीं आता था इसलिए वह केवल दवाइयां लिखने और ECG रिपोर्ट देखने तक ही खुद को सीमित रखने की चेष्टा करता था। टेक्सास में उसके जीजा और बहन को भारत में रहने वाले परिचितों ने इस बात की जानकारी दी थी कि अभिनव उनके नाम का इस्तेमाल कर रहा है। मथुरा के केडी मेडिकल कालेज में भी एक साल तक उसने काम किया था।

Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it