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तेज रफ्तार में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, निवेश और रोजगार के खोल रहे नए द्वार

यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) अब जमीनी स्तर पर तेजी से आकार ले रही है

तेज रफ्तार में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, निवेश और रोजगार के खोल रहे नए द्वार
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लखनऊ। यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) अब जमीनी स्तर पर तेजी से आकार ले रही है। रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस परियोजना में निवेश, भूमि आवंटन और एमओयू के मोर्चे पर उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।

कॉरिडोर के छह नोड्स में कंपनियों को भूमि देने, बड़े औद्योगिक समूहों को आकर्षित करने और जमीन अधिग्रहण पूरा होने के साथ यूपी अब गुजरात और तमिलनाडु जैसे पारंपरिक रक्षा विनिर्माण केंद्रों को कड़ी प्रतिस्पर्धा दे रहा है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक कुल 62 कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिनसे 11,997 करोड़ रुपए का निवेश और 14,256 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की संभावना पुख्ता हो चुकी है। इसके अलावा 110 कंपनियों के साथ एमओयू की प्रक्रिया पाइपलाइन में है, जिनसे करीब 23,000 करोड़ रुपए का निवेश और 38,000 से ज्यादा रोजगार मिलने का अनुमान है।

एक अधिकारी ने बताया कि यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा सहित सभी नोड्स में कुल 2,097 हेक्टेयर से अधिक भूमि को मंजूरी दी है, जिनमें 2,040 हेक्टेयर से ज्यादा का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। वर्तमान में 1,598 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। अलीगढ़ में सबसे ज्यादा 24 कंपनियों को प्लॉट मिले हैं, जबकि कानपुर में 210 हेक्टेयर के साथ सबसे बड़ी जमीन आवंटन प्रक्रिया पूरी की गई है।

झांसी में 17 कंपनियों को 571 हेक्टेयर और लखनऊ में 16 कंपनियों को 131 हेक्टेयर से अधिक भूमि का आवंटन किया जा चुका है। अन्य नोड्स—चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ फेज-2—में भी आवंटन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। कॉरिडोर के लिए अब तक कुल 197 एमओयू साइन किए जा चुके हैं, जिनमें से 172 औद्योगिक श्रेणी के हैं। इनकी कुल निवेश क्षमता 34,844 करोड़ रुपए है, जिससे लगभग 52,658 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।

तेजी पकड़ते इस कॉरिडोर को मुख्यमंत्री योगी ने न सिर्फ 'मेक इन इंडिया' और 'एक जिला-एक उत्पाद' मॉडल से जोड़ा है, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश की भविष्य की औद्योगिक अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार भी बताया है। रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में यूपी की बढ़ती ताकत का सबसे बड़ा उदाहरण लखनऊ नोड में स्थापित ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई है, जिसका संचालन शुरू होना इस कॉरिडोर की रणनीतिक अहमियत को और मजबूत करता है।

यूपीईआईडीए के एसीईओ एचपी शाही के अनुसार, आने वाले महीनों में कई और बड़े निवेश और औद्योगिक इकाइयों की घोषणा होने की संभावना है, जिससे यूपी का 'ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी' लक्ष्य और अधिक साकार होता दिखाई देगा।


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