यूपी : डूंगरपुर कांड में आजम खान को कोर्ट से राहत
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को बड़ी राहत मिली है। डूंगरपुर कांड में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी

डूंगरपुर कांड में आजम खान को हाईकोर्ट से जमानत, रिहाई पर संशय बरकरार
- आजम खान को मिली राहत, डूंगरपुर मामले में दस साल की सजा पर रोक
- डूंगरपुर केस में सजा के खिलाफ अपील पर कोर्ट का फैसला, आजम को अंतरिम राहत
प्रयाग। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को बुधवार को बड़ी राहत मिली है। डूंगरपुर कांड में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी। इस मामले में रामपुर की एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने आजम खान को दस साल की सजा सुनाई थी।
न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने बुधवार को यह आदेश उस अपील और जमानत अर्जी पर दिया, जो आजम खान ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए दाखिल की थी। सुनवाई पूरी होने के बाद नौ अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद आजम खान की जेल से रिहाई पर अभी संशय बरकरार है। उनके खिलाफ कई अन्य मामलों में भी सजा सुनाई जा चुकी है।
सपा नेता ने इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 12 अगस्त को फैसला सुरक्षित कर लिया था। रामपुर के चर्चित डूंगरपुर केस से जुड़े एक मामले में आजम खान ने रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट से मिली दस साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दाखिल की है।
इस मामले में ठेकेदार बरकत अली ने भी सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दाखिल की है। दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील के लंबित रहने तक जमानत देने की कोर्ट से मांग की थी। इस मामले में ठेकेदार बरकत अली की जमानत अर्जी भी हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली है।
ज्ञात हो कि डूंगरपुर कांड से जुड़े मामले में अगस्त 2019 में रामपुर के थाना गंज में अबरार नामक व्यक्ति की ओर से समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन ख़ान और ठेकेदार बरकत अली उर्फ़ फ़क़ीर मोहम्मद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। शिकायतकर्ता अबरार ने आरोप लगाया था कि दिसंबर 2016 में आजम खान, रिटायर सीओ आले हसन और ठेकेदार बरकत अली ने उनके साथ मारपीट की थी।
इसके अलावा घर में तोड़फोड़ की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई। साथ ही, उनके मकान को जमींदोज कर दिया गया था। करीब तीन साल बाद, 2019 में अबरार ने इस संबंध में थाना गंज में रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले की सुनवाई के बाद एमपी/एमएलए विशेष अदालत ने आजम खान को दस साल और बरकत अली को सात साल की सजा सुनाई थी।


