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मुस्लिमों की हालत दलितों से भी खराब थी, वक्फ संशोधन था जरूरी : संजय निषाद

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि सरकार जनता की सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए अभिभावक की भूमिका में होती है

मुस्लिमों की हालत दलितों से भी खराब थी, वक्फ संशोधन था जरूरी : संजय निषाद
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संजय निषाद बोले- मुस्लिमों की हालत दलितों से भी खराब, वक्फ संशोधन जरूरी था

  • ‘वोट चोर गद्दी छोड़ो’ अभियान पर कांग्रेस को घेरा, अनुसूचित जातियों की उपेक्षा का आरोप
  • भगवान राम और निषादराज के ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख, भागवत के बयान से सहमति

लखनऊ। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि सरकार जनता की सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए अभिभावक की भूमिका में होती है।

उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति दलितों से भी बदतर है। वे सिर्फ वोट डाल रहे थे, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से दूर थे। उन्हें भी मुख्यधारा से जोड़ा जाए, तो ऐसी स्थिति में वक्फ बोर्ड में संशोधन जरूरी था। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के निर्णय का सम्मान किया जाना चाहिए।

कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे 'वोट चोर गद्दी छोड़ो' हस्ताक्षर अभियान पर मंत्री संजय निषाद ने कहा, "ये वही लोग हैं जिन्होंने देश के गरीबों की नोट और नौकरी दोनों चुराई हैं। अनुसूचित जातियों के 66 समूहों में से 65 ऐसे हैं जिन्हें इन सरकारों ने पूरी तरह नजरअंदाज किया। यही वजह है कि इन जातियों ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया।"

कोलकाता में आयोजित कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की सराहना करते हुए संजय निषाद ने कहा, "मोदी हैं, तो मुमकिन है। सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास का मंत्र अब जमीनी हकीकत बन रहा है।" उन्होंने कहा कि हर राज्य को नई तकनीक मिलनी चाहिए, क्योंकि तकनीक ही वह माध्यम है जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान 'भारत के 3,000 वर्षों तक दुनिया का सिरमौर रहने के दौरान विश्व में कोई कलह नहीं थी' पर संजय निषाद ने सहमति जताते हुए ऐतिहासिक उदाहरण दिए।

उन्होंने कहा, "इलाहाबाद में खुदाई के दौरान जो प्रमाण मिले हैं, उनमें लिखा है कि भगवान राम 3,000 साल पहले निषाद राज की धरती पर आए थे। तब निषाद राज ने ही सबसे पहले भगवान राम की दिव्यता को पहचाना था। रामराज और निषादराज की वह व्यवस्था हमारे अतीत का प्रतीक है।"

उन्होंने आगे 'जस्टिस ऑफ इंडिया' पुस्तक का हवाला देते हुए दावा किया कि "उस काल में भारत की जीडीपी ग्रोथ 33.5 प्रतिशत थी और शिक्षा दर 75 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। हम उस समय दुनिया को भोजन दे रहे थे और 'विश्वगुरु' के रूप में जाने जाते थे।"

उन्होंने ने मोहन भागवत को धन्यवाद देते हुए कहा, "इतिहास को याद रखना जरूरी है, क्योंकि इतिहास से ही राजनीति होती है।"


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