कफ सिरप मामले में एसआईटी की बड़ी कार्रवाई, कोलकाता से दो लोग गिरफ्तार
कफ सिरप तस्करी मामले में वाराणसी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने सोमवार को बड़ी सफलता हासिल की

वाराणसी। कफ सिरप तस्करी मामले में वाराणसी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने सोमवार को बड़ी सफलता हासिल की। एसआईटी ने सोमवार को कोलकाता से दो फार्मा फर्म संचालकों को गिरफ्तार किया है। कफ सिरप की अवैध सप्लाई और फर्जी सेटिंग के जरिए इसे दूसरे राज्यों में भेजे जाने के खुलासे के बाद यह गिरफ्तारी की गई है।
एसआईटी टीम अब दोनों आरोपियों, निशांत फार्मा के संचालक प्रतीक मिश्रा और विश्वनाथ फार्मा के मालिक विकास सोनकर, को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर वाराणसी लौट रही है। आरोप है कि दोनों वे अपनी फर्मों के नाम पर कफ सिरप की भारी मात्रा मंगवाते थे, लेकिन वास्तविक सप्लाई कहीं और भेजी जाती थी।
कफ सिरप तस्करी से जुड़े इस मामले में एसआईटी ने अब तक कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि पूरे नेटवर्क में कई स्तरों पर लिंक जुड़े हैं, जिनकी जांच जारी है। टीम यह भी पता लगाने में जुटी है कि इन फर्मों के जरिए सिरप की अवैध सप्लाई किन-किन राज्यों तक होती थी।
डीसीपी क्राइम सरवन टी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में इस कार्रवाई की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि वाराणसी में कफ सिरप मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। इसी एसआईटी के निर्देशन में कोलकाता से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी की टीम ने विश्वनाथ मेडिकल के मालिक विकास सोनकर और निशांत फार्मा के मालिक प्रतीक मिश्रा को गिरफ्तार किया है। उन्होंने आगे कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।
बता दें कि प्रतिबंधित कफ सिरप का मामला पिछले कई महीनों से चर्चा में है। इससे पहले, कोडीन सिरप मामले में लखनऊ एसटीएफ ने अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ की टीम ने गोमतीनगर के ग्वारी चौराहे से अमित कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद अमित कुमार सिंह ने पूछताछ में बताया था कि आजमगढ़ के रहने वाले विकास सिंह के माध्यम से शुभम जायसवाल से परिचय हुआ था। शुभम जायसवाल का एबॉट कंपनी की फेन्सेडिल कफ सिरप का शैली ट्रेडर्स के नाम से बड़ा कारोबार रांची, झारखंड में है।


