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17 अक्टूबर को सूरजपुर में भाकियू की महापंचायत, किसानों की समस्याओं पर होगा जनशक्ति प्रदर्शन

किसानों की लंबित समस्याओं को उठाने और सरकार तक अपनी आवाज बुलंद तरीके से पहुंचाने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) आगामी 17 अक्टूबर को गौतम बुद्ध नगर जिला मुख्यालय सूरजपुर में विशाल महापंचायत आयोजित करेगी

17 अक्टूबर को सूरजपुर में भाकियू की महापंचायत, किसानों की समस्याओं पर होगा जनशक्ति प्रदर्शन
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गौतम बुद्ध नगर में किसानों का हुंकार: भाकियू की महापंचायत की तैयारियां तेज

  • सूरजपुर कलेक्ट्रेट पर किसानों का घेराव 17 अक्टूबर को, भाकियू ने दी आंदोलन की चेतावनी
  • रोजगार, मुआवजा और प्लॉट निस्तारण पर भाकियू का बड़ा आंदोलन, महापंचायत में जुटेंगे सैकड़ों किसान
  • जेवर विस्थापन से सर्किल रेट तक: भाकियू की महापंचायत में उठेंगी किसानों की लंबित मांगें

ग्रेटर नोएडा। किसानों की लंबित समस्याओं को उठाने और सरकार तक अपनी आवाज बुलंद तरीके से पहुंचाने के लिए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) आगामी 17 अक्टूबर को गौतम बुद्ध नगर जिला मुख्यालय सूरजपुर में विशाल महापंचायत आयोजित करेगी। इस संबंध में सोमवार को अंसल हाउसिंग स्थित कैंप कार्यालय पर पंचायत का आयोजन कर तैयारियों की रूपरेखा तय की गई।

बैठक की अध्यक्षता राजाराम ने की, जबकि संचालन रॉबिन नागर एवं मटरू नागर ने संयुक्त रूप से संभाला। इस अवसर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर पूरे देश में किसान जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे। गौतम बुद्ध नगर में भी किसान ट्रैक्टरों के साथ सूरजपुर कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन देंगे।

पवन खटाना ने बताया कि जिले में किसानों की कई समस्याएं वर्षों से लंबित हैं। गौतम बुद्ध नगर का सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव अधिकारियों के आश्वासन के बाद 3-4 महीने पहले भेजा गया था, लेकिन आज तक लागू नहीं किया गया। वहीं, किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट एवं आबादी निस्तारण का लाभ भी अब तक नहीं मिला है।

भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने कहा कि जिले के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, जबकि उद्योगों में बाहरी लोगों की भर्ती की जा रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की पुरानी आबादियों का अधिग्रहण तो कर लिया गया है, लेकिन उनका निस्तारण अभी तक नहीं किया गया, जिससे ग्रामीण असमंजस की स्थिति में हैं।

मेरठ मंडल महासचिव अनित कसाना ने जेवर एयरपोर्ट के विस्थापित गांवों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को समानुपातिक मुआवजा दिया जाए और प्रत्येक घर के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर शीघ्र सुनवाई नहीं की तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।

बैठक में प्रमुख रूप से राजीव मलिक, कपिल तंवर, और चिराग बैसला समेत सैकड़ों किसान कार्यकर्ता मौजूद रहे। किसान नेताओं ने कहा कि 17 अक्टूबर की महापंचायत जिले के इतिहास की सबसे बड़ी जनशक्ति का प्रदर्शन होगी और यदि मांगे नहीं मानी गईं तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।


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