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नोएडा में ग्राम सुविधाओं की बड़ी समीक्षा: सीवर, सफाई, जलापूर्ति और सड़कों पर एक महीने का विशेष अभियान

उत्‍तर प्रदेश में नोएडा के घनी आबादी वाले ग्राम क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्राधिकरण ने बड़ा कदम उठाया है

नोएडा में ग्राम सुविधाओं की बड़ी समीक्षा: सीवर, सफाई, जलापूर्ति और सड़कों पर एक महीने का विशेष अभियान
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नोएडा। उत्‍तर प्रदेश में नोएडा के घनी आबादी वाले ग्राम क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्राधिकरण ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम की अध्यक्षता में शुक्रवार को विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जलापूर्ति, सीवर लाइन, सफाई व्यवस्था, नालियों, सड़कों की मरम्मत और कचरा प्रबंधन को लेकर गहन चर्चा हुई।

पहले चरण में बरौला, सदरपुर, छलेरा, गिझोड़, सर्फाबाद, सलारपुर, मोरना, याकूबपुर और भंगेल ग्रामों में विशेष सुधार कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अंतर्गत निम्न अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनमें सीवर लाइन की सफाई का एक माह का अभियान सभी नौ ग्रामों में मेन होल और सीवर लाइनों की गहरी सफाई अभियान के रूप में कराई जाएगी।

ओवरफ्लो बंद करने के लिए सम्पवेल और पंपिंग सेट जहां-जहां सीवर ओवरफ्लो की शिकायतें मिल रही हैं, वहां छोटे सम्पवेल बनाकर पंपिंग सेट लगाए जाएंगे ताकि गंदा पानी सड़कों पर न फैले। छोटी सीवर लाइनों को बड़ी लाइनों से जोड़ने का कार्य ग्रामों की आबादी का सर्वे कर छोटी सीवर पाइपों को बड़ी लाइनों में बदला जाएगा और बाहरी हिस्सों में छोटे एसपीएस (सीवेज पंपिंग स्टेशन) बनाए जाएंगे। नालियों की पूर्ण सिल्ट सफाई होगी।

जन स्वास्थ्य विभाग को एक महीने में सभी नालियों की सिल्ट सफाई पूरी करने का निर्देश दिया गया है। जलभराव वाले क्षेत्रों में विशेष सफाई और ब्लीचिंग का काम होगा। जहां नालियां टूटी हैं या सीवर के कारण जलभराव होता है, वहां विशेष सफाई कर ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव किया जाएगा।

डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण में बढ़ोतरी होगी। ग्रामों की आबादी को ध्यान में रखते हुए डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाली गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा पशुओं का गोबर प्रबंधन – गोबर गैस प्लांट की योजना भी है। जहां पशुओं की संख्या अधिक है, वहां गोबर उठवाने और गोबर गैस प्लांट या उपयुक्त योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।

इसके साथ ही खाली भूखंडों पर कूड़े के ढेर खत्म होंगे। ग्रामों के बाहरी इलाकों में पड़े कचरे के ढेर हटाकर वहां चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि दोबारा कचरा न डाला जाए। सभी वेंडर्स को डबल डस्टबिन रखने की बाध्यता लागू की जाएगी। साथ ही डोर-टू-डोर कचरा वाहन को दिन में दो बार भेजा जाएगा।

टूटी नालियों और जालियों की मरम्मत होगी। एक महीने के भीतर सभी टूटी नालियां और क्षतिग्रस्त जालियां वर्क सर्किल द्वारा ठीक कराई जाएंगी। जहां लोगों ने नालियों को ढककर रैम्प या सीढ़ियां बना दी हैं, उन्हें ग्रामवासियों के सहयोग से हटाकर डीप क्लीनिंग कराई जाएगी।

इस बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि नोएडा के इन ग्रामों में जलभराव, कचरा निस्तारण, सीवर ओवरफ्लो और साफ-सफाई की स्थिति में व्यापक सुधार होगा। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि यह अभियान केवल सफाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि स्थायी समाधान की दिशा में काम होगा। अधिकारी एक-एक कार्य की मॉनिटरिंग करेंगे और समयसीमा के भीतर निष्पादन सुनिश्चित किया जाएगा।

बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करूणेश, विशेष कार्याधिकारी महेंद्र प्रसाद, महाप्रबंधक (सिविल/जन स्वास्थ्य) एके अरोड़ा, एसपी सिंह, महाप्रबंधक (जल/विद्युत) आरपी, इंदु प्रकाश सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ प्रबंधक उपस्थित रहे।


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