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मदनी का बयान निंदनीय, जिहाद का मतलब समाज या देश के खिलाफ लड़ाई नहीं : मौलाना अबरार जमाल

मौलाना महमूद मदनी के जिहाद को लेकर हालिया बयान पर मुस्लिम संगठनों के भीतर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आने लगी है

मदनी का बयान निंदनीय, जिहाद का मतलब समाज या देश के खिलाफ लड़ाई नहीं : मौलाना अबरार जमाल
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सहारनपुर। मौलाना महमूद मदनी के जिहाद को लेकर हालिया बयान पर मुस्लिम संगठनों के भीतर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आने लगी है। जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष मौलाना कारी अबरार जमाल ने मदनी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जिहाद का वास्तविक अर्थ समझना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि जिहाद का मतलब किसी समाज या देश के खिलाफ लड़ाई नहीं, बल्कि बुराइयों के खिलाफ संघर्ष, सुधार और अच्छे कार्यों को बढ़ावा देना है।

कारी अबरार जमाल ने कहा कि यदि मौलाना महमूद मदनी अपने समुदाय के भीतर मौजूद समस्याओं, गलतफहमियों और उन लोगों के खिलाफ जिहाद की बात करते जो सीधे या परोक्ष रूप से आतंकवादियों का समर्थन करते हैं, तो उसका एक सकारात्मक और सार्थक संदेश जाता।

उन्होंने कहा कि अगर वह आतंकवादियों के खिलाफ जिहाद का फतवा जारी करते, तो यह कदम वाकई समाज के लिए लाभकारी और प्रेरणादायक होता।

उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, मदनी की ओर से देश के करोड़ों सनातनियों के खिलाफ दिए जा रहे बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। कारी अबरार जमाल ने कहा कि हिंदू समुदाय ने हमेशा मुसलमानों के साथ खड़े होकर भाईचारे और सद्भाव का परिचय दिया है। चाहे त्योहार हों, खुशियां हों या कठिन घड़ी।

उन्होंने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय भी हिंदू समाज ने मुसलमानों से कहा था कि यही आपका मुल्क है, हम आपकी हिफाजत करेंगे। ऐसे में हिंदुओं के खिलाफ जिहाद की बात करना निरर्थक और गलत है।

कारी अबरार जमाल ने कहा कि ऐसे बयान देश के माहौल को खराब करते हैं और यह भारत की प्रगति के लिए भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि देश तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है। ऐसे समय में जिहाद और आतंकवाद जैसे शब्दों को बढ़ावा देना समाज को गलत दिशा में ले जा सकता है।

उन्होंने मौलाना महमूद मदनी से अपील करते हुए कहा कि उन्हें मुसलमानों को राष्ट्रवाद और एकता का संदेश देना चाहिए, न कि समाज में विभाजन पैदा करने वाला विमर्श। उलेमा को आतंकवाद के खिलाफ सख्त फतवा जारी करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति आतंकवादी गतिविधियों में पकड़ा जाता है तो हम उसका जनाजा नहीं पढ़ेंगे, और उसे कब्रिस्तान में दफनाने की जगह भी नहीं देंगे।


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