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जीएसटी पर सरकार का फैसला जनता को ठगने की नीति : चंद्रपाल सिंह यादव

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए निर्णयों पर समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है

जीएसटी पर सरकार का फैसला जनता को ठगने की नीति : चंद्रपाल सिंह यादव
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चंद्रपाल यादव का आरोप- जीएसटी सुधार चुनावी जुमला, जनता को ठगने की नीति

  • किसानों के लिए यूरिया और डीएपी पर जीएसटी खत्म करने की मांग
  • तंबाकू पर 40% टैक्स बढ़ाने पर सवाल, शराब पर प्रतिबंध की अपील
  • सरकार पर अमीर-गरीब की खाई बढ़ाने का आरोप, शिक्षा व्यवस्था पर चिंता
  • 175 आइटम सस्ते होने के दावे को बताया दिखावा, महंगाई से जनता त्रस्त

फर्रुखाबाद। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए निर्णयों पर समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने इसे केंद्र सरकार का 'चुनावी जुमला' करार देते हुए कहा कि सरकार ने पहले जीएसटी लागू किया और अब चुनाव नजदीक आते ही इसे कम करने की बात कर रही है। चुनाव खत्म होते ही जीएसटी बढ़ा दिया जाता है। यह जनता को ठगने की नीति है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि सरकार जनता की भलाई चाहती है, तो किसानों के लिए यूरिया और डीएपी खाद पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दे, क्योंकि 70% आबादी किसानों की है और वे अन्नदाता हैं।

चंद्रपाल यादव ने तंबाकू पर 40% जीएसटी बढ़ाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार तंबाकू और शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती, जो कैंसर और सामाजिक बर्बादी का कारण बनते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शराब के ठेके डेढ़ गुना बढ़ा रही है, जबकि स्कूलों की संख्या घटा रही है। यह सरकार गरीब को और गरीब, अमीर को और अमीर बना रही है।

वित्त मंत्री के 175 आइटम सस्ते होने के दावे पर व्यंग्य करते हुए चंद्रपाल यादव ने कहा, "जितना कम किया, उससे ज्यादा बढ़ा दिया। जनता सब समझ रही है और अब इनके बहकावे में नहीं आएगी। सरकार बड़ी चीजों पर जीएसटी बढ़ाकर और छोटी चीजों पर घटाकर दिखावा कर रही है। महंगाई से जनता त्रस्त है, लेकिन सरकार केवल कुछ लोगों की भलाई के लिए काम कर रही है। गरीब साइकिल पर चल रहा है और उसकी इस सरकार में कोई सुनवाई नहीं है।

वहीं, जीएसटी में कमी को लेकर व्यापारियों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। पराग दूध डेयरी के दुकानदार गौरव ने बताया कि दूध और घी पर जीएसटी कम होने से दुकानदारों और जनता को राहत मिलेगी। महंगाई से आम जनता को कुछ राहत मिलेगी।

इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार संजीव कटियार ने भी जीएसटी कम होने को जनता के लिए फायदेमंद बताया, लेकिन आग्राह किया कि यदि चुनाव के बाद जीएसटी फिर बढ़ाई गई, तो इसका कोई लाभ नहीं होगा।


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