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उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब राज्य संगठन में बड़े बदलाव के संकेत

उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान केंद्रीय मंत्री और महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी को सौंपे जाने के साथ ही राज्य संगठन में बड़े बदलाव के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन के करीब 30 से 40 प्रतिशत पदाधिकारियों में फेरबदल किया जा सकता है

उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब राज्य संगठन में बड़े बदलाव के संकेत
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उप्र भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब संगठन में जल्द होगा बड़ा बदलाव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भाजपा की कमान केंद्रीय मंत्री और महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी को सौंपे जाने के साथ ही राज्य संगठन में बड़े बदलाव के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नए प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन के करीब 30 से 40 प्रतिशत पदाधिकारियों में फेरबदल किया जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि इस कवायद के तहत प्रदेश के 18 उपाध्यक्षों, सात महामंत्रियों, 16 मंत्रियों (सेक्रेटरी), और युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, ओबीसी, अल्पसंख्यक व अनुसूचित जाति/जनजाति मोर्चा जैसे विभिन्न प्रकोष्ठों के अध्यक्षों में बदलाव संभव है। इस बदलाव का मकसद संगठन को नई ऊर्जा देना और आने वाले चुनावी मुकाबलों, खासकर 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करना है।

बताया जा रहा है कि संगठनात्मक बदलावों का औपचारिक खाका पंकज चौधरी के दिल्ली से लौटने के बाद तैयार किया जाएगा। दिल्ली दौरे के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात प्रस्तावित है। संगठन में बदलाव से पहले प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह से व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, जिलों के स्तर पर भी बदलाव की प्रक्रिया जारी है और 14 जिलों में अभी संगठनात्मक नियुक्तियां बाकी हैं, जिन्हें जल्द पूरा किया जाएगा। भाजपा का फोकस संगठन में नए चेहरों को आगे लाने के साथ-साथ अनुभवी नेताओं को बनाए रखने पर रहेगा, ताकि संतुलन और निरंतरता दोनों कायम रह सकें।

पार्टी के अंदरखाने में यह भी चर्चा है कि उपाध्यक्षों, महामंत्रियों और मंत्रियों के स्तर पर होने वाला फेरबदल प्रदर्शन आधारित होगा और इससे संगठन में पीढ़ीगत बदलाव की झलक मिलेगी। पंचायत चुनावों की तैयारी और जमीनी स्तर पर संभावित एंटी-इनकंबेंसी से निपटने के लिए नए और सक्रिय चेहरों को अहम जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुर्मी नेता और महाराजगंज से आने वाले पंकज चौधरी की ताजपोशी से संगठन में क्षेत्रीय संतुलन पर भी जोर बढ़ा है। माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेताओं को भी संगठन में समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा, क्योंकि यह इलाका आगामी चुनावों में राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, जहां समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की चुनौती तेज हो सकती है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पंकज चौधरी की नियुक्ति से पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक आधार को और मजबूती मिलेगी, जहां जातीय और सामाजिक समीकरण चुनावी नतीजों में अहम भूमिका निभाते हैं। संगठन में बदलाव के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में भी फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद में कुल 60 सदस्यों का प्रावधान है, जबकि वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत 54 मंत्री हैं। ऐसे में छह पद रिक्त हैं।

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी संगठन और सरकार में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। वहीं, निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और पश्चिमी यूपी के प्रमुख जाट नेता भूपेंद्र चौधरी को भी सरकार में जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।


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