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अयोध्या : कृष्ण मोहन होंगे राम मंदिर के नए ट्रस्टी

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नया ट्रस्टी मिल गया है। स्व. कामेश्वर चौपाल के निधन से खाली हुई जगह पर हरदोई के कृष्ण मोहन को ट्रस्टी बनाया गया है

अयोध्या : कृष्ण मोहन होंगे राम मंदिर के नए ट्रस्टी
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राम मंदिर ट्रस्ट को मिला नया ट्रस्टी : कृष्ण मोहन का चयन

  • राम मंदिर के पहले कारसेवक को श्रद्धांजलि, नए ट्रस्टी के रूप में कृष्ण मोहन की नियुक्ति
  • श्रीराम कथा संग्रहालय को वैश्विक स्वरूप देने की दिशा में ट्रस्ट का नया कदम

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को नया ट्रस्टी मिल गया है। स्व. कामेश्वर चौपाल के निधन से खाली हुई जगह पर हरदोई के कृष्ण मोहन को ट्रस्टी बनाया गया है। कृष्ण मोहन लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षित हैं, एटॉमिक एनर्जी क्षेत्र में वर्षों तक कार्य कर चुके हैं और भारतीय वन सेवा (महाराष्ट्र कैडर) से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।

वर्तमान में वे हरदोई में रहते हुए सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। दरअसल, बीते दिनों श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और राम मंदिर के लिए पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। कामेश्वर चौपाल ने दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली है। कामेश्वर चौपाल पिछले एक वर्ष से बीमार चल रहे थे। दलित समुदाय के कामेश्वर चौपाल ने ही 9 नवंबर, 1989 को अयोध्या में राम मंदिर की पहली शिला रखी थी। संघ ने उन्हें प्रथम कारसेवक का दर्जा दिया था। उन्होंने रोटी के साथ राम का नारा भी दिया था।

मंगलवार को अयोध्या में हुई तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के बाद महामंत्री चंपत राय ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में नौ ट्रस्टी उपस्थित रहे, तीन ने ऑनलाइन भाग लिया, जबकि एक ट्रस्टी पहले ही अपनी असमर्थता जता चुके थे। नए ट्रस्टी के शामिल होने से ट्रस्ट की कार्यक्षमता और मजबूती बढ़ेगी। महामंत्री ने कहा कि ट्रस्ट अब अंतरराष्ट्रीय श्रीराम कथा संग्रहालय को वास्तविक वैश्विक स्वरूप देने की दिशा में काम कर रहा है। संग्रहालय में विश्वभर से सभी प्रचलित रामायणों और प्रभु श्रीराम से जुड़ी महत्वपूर्ण वस्तुओं को संग्रहित किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

चंपत राय ने बताया कि सभी सुरक्षा एजेंसियों से विमर्श के बाद राम मंदिर परिसर के चारों ओर लगभग साढ़े तीन किलोमीटर लंबी घेराव दीवार (बाउंड्री वाल) बनाई जा रही है। यह व्यवस्था अपने आप में अनोखी और पूरी तरह सुरक्षित होगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर और संग्रहालय दोनों ही श्रद्धालुओं और शोधकर्ताओं के लिए आस्था और ज्ञान का केंद्र बनने जा रहे हैं।


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