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जनविरोधी योगी सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं : स्वामी प्रसाद मौर्य

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य फतेहपुर पहुंचे, जहां उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर जमकर निशाना साधा

जनविरोधी योगी सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं : स्वामी प्रसाद मौर्य
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फतेहपुर। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य बुधवार को फतेहपुर पहुंचे, जहां उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर जमकर निशाना साधा।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एक तरफ देश को बेचा जा रहा है तो दूसरी तरफ प्रदेश को तबाही के रास्ते पर ले जाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में स्कूल बंद किए जा रहे हैं और हर 400-500 मीटर पर शराब की दुकानें खोली जा रही हैं। गरीबों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। यह सरकार जनता की कसौटी पर खरी नहीं उतरी।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनविरोधी है। इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार है। उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए पूरी सरकार को उखाड़ फेंकना पड़ेगा, इसलिए नारा दिया गया है कि उत्तर प्रदेश बचाना है, भाजपा को हटाना है।

इससे पहले रायबरेली में स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ अभद्रता करने की कोशिश की गई। रायबरेली के सीओ सिटी अमित सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य फतेहपुर जा रहे थे। यहां स्वागत कार्यक्रम में उनके समर्थक मौजूद थे। इस दौरान दो लोग हाथ में फूल माला लेकर भीड़ में पहुंचे और स्वामी प्रसाद मौर्य से अभद्रता करने की कोशिश की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर कहा था कि जब तक सारे आतंकी नहीं मारे जाते, तब तक यह ऑपरेशन सफल नहीं हो सकता है। उन्होंने सैन्य अधिकारियों के लिए जातिसूचक शब्द प्रयोग करने पर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव की निंदा की थी।

उन्होंने कहा था कि रामगोपाल यादव ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का अपमान किया और उनके लिए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। भारतीय जनता पार्टी ने भी सेना का अपमान किया है, क्योंकि उनके मंत्री ने भारतीय सैन्य अधिकारी पर अभद्र टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने भाजपा सरकार के मंत्री पर केस दर्ज कराने का जो आदेश दिया है, उसकी देश सराहना कर रहा है। भारत का संविधान किसी को जातिवादी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं देता है। लोगों को इससे बचना चाहिए।


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