अमित शाह का घुसपैठ से जुड़ा बयान ध्रुवीकरण वाली रणनीति का हिस्सा: एसटी हसन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान देश में मुस्लिम समुदाय की बढ़ती आबादी को लेकर बड़ा बयान दिया है

एसटी हसन बोले: मुस्लिम आबादी पर शाह का बयान चुनावी ध्रुवीकरण का हिस्सा
- बयान अपने कार्यकाल पर सवाल उठाता है - एसटी हसन ने अमित शाह को घेरा
- अमित शाह के घुसपैठ बयान पर सपा नेता का तीखा सवाल: आंकड़े कहां से आए?
- अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला, सियासत शर्मनाक: एसटी हसन का बयान
मुरादाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान देश में मुस्लिम समुदाय की बढ़ती आबादी को लेकर बड़ा बयान दिया है। पूर्व समाजवादी पार्टी सांसद डॉ. एसटी हसन ने अमित शाह के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है।
दरअसल, अमित शाह ने कहा कि मुस्लिम आबादी का बढ़ना अधिक प्रजनन दर के कारण नहीं, बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से होने वाली अवैध घुसपैठ के कारण है।
पूर्व सपा सांसद ने कहा, “सरकार तो उनकी ही है। क्या घुसपैठ के लिए अमित शाह स्वयं जिम्मेदार नहीं हैं? यह बयान तो उनके अपने कार्यकाल पर सवाल उठाता है।”
एसटी हसन ने इसे बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार के पास घुसपैठ का आंकड़ा कहां से आया और इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
हसन ने कहा, “ऐसे बयानों से हिंदू समुदाय को डराने की कोशिश की जा रही है, जो अनुचित है। सरकार को बिना आधार के ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए।”
वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सोशल मीडिया अकाउंट के सस्पेंड होने को लेकर उन्होंने कहा कि उनके 80 लाख फॉलोअर्स हैं, जो सरकार की पोल खोल रहे हैं। क्या यह प्रजातंत्र है या इसे खत्म कर दिया गया है? उन्होंने कहा है कि आज की सियासत पर शर्मिंदगी महसूस होती है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर करारा हमला है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और आजम खान की मुलाकात पर एसटी हसन ने कहा, “दोनों देश के बड़े नेता हैं और देश के भविष्य व आने वाली पीढ़ियों के बारे में सोचते हैं। उनकी मुलाकात में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।”
एसटी हसन ने आगे कहा कि उन्होंने हमेशा आजम खान का सम्मान किया है और आगे भी करते रहेंगे। आजम खान से हमने बहुत कुछ सीखा है। उनके मार्गदर्शन में न जाने कितने नेताओं ने पहचान बनाई। अखिलेश यादव ने हमें रामपुर से चुनाव लड़ने को कहा, लेकिन हम आजम खान के सम्मान के कारण नहीं लड़े।


