Top
Begin typing your search above and press return to search.

उत्तर प्रदेश में एसआईआर का 50 प्रतिशत काम नहीं हुआ पूरा : रविदास मेहरोत्रा

समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्‍होंने कहा कि बीएलओ अभी तक 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं कर पाए हैं

उत्तर प्रदेश में एसआईआर का 50 प्रतिशत काम नहीं हुआ पूरा : रविदास मेहरोत्रा
X

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्‍होंने कहा कि बीएलओ अभी तक 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं कर पाए हैं।

उन्होंने कहा कि फॉर्म बांटने वाले बीएलओ अभी तक 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं कर पाए हैं। बीएलओ को फॉर्म बांटने के साथ-साथ उन्हें इकट्ठा कर अपलोड भी करना होता है, लेकिन यह प्रक्रिया धीमी है। उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर की मूल डेडलाइन बीत चुकी है, जिसे अब बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दिया गया है। मेहरोत्रा ने कहा कि यह अवधि पर्याप्त नहीं है और डेडलाइन को और बढ़ाया जाना जरूरी है, ताकि किसी भी मतदाता का नाम सूची से छूट न जाए।

उन्होंने कहा कि यदि चुनाव आयोग वास्तव में गंभीर है कि हर पात्र मतदाता का नाम सूची में शामिल हो, तो प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए और विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को निगरानी का दायित्व दिया जाना चाहिए।

भाजपा सांसद अरुण गोविल द्वारा देशभर के मदरसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग के बाद सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने इस पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। गोविल ने कहा था कि यदि मक्का सहित सऊदी अरब के मदरसों में सीसीटीवी कैमरे हैं, तो भारत में यह व्यवस्था क्यों नहीं होनी चाहिए।

इसके जवाब में मेहरोत्रा ने कहा कि मदरसों में कैमरे लगाने से पहले मंत्रियों के दफ्तरों में सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि वहां किस तरह करोड़ों रुपये की हेराफेरी और रिश्वतखोरी हो रही है। उन्होंने कहा कि नेताओं पर पारदर्शिता की जिम्मेदारी सबसे पहले आती है और इस सच को जनता के सामने आना चाहिए।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भगवद् गीता की प्रति भेंट की। इस पर भी सपा विधायक ने सवाल उठाए।

मेहरोत्रा ने कहा कि यह सिर्फ दिखावे का कदम है, क्योंकि यह सभी जानते हैं कि पुतिन न तो गीता का पाठ करेंगे और न ही वह इसके अध्ययन में रुचि रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वैश्विक मंचों पर भी धार्मिक प्रतीकों का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए करती है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पुतिन की विपक्षी दलों से मुलाकात क्यों नहीं करवाते, क्या वह कुछ छिपाना चाहते हैं? मेहरोत्रा ने दावा किया कि देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को पुतिन से मिलने का समय भी नहीं दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी इस बात को छिपाना चाहते हैं कि देश में उनकी कैसी छवि है। मेहरोत्रा ने कहा कि पुतिन को भेंट की गई भगवद् गीता उनके घर में सिर्फ एक शो-पीस बनकर रह जाएगी, क्योंकि विश्वास का संबंध व्यक्तिगत होता है और कोई भी व्यक्ति अपनी आस्था के अनुसार धार्मिक ग्रंथ पढ़ता है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it