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उत्तराखंड: एक झटके में 100 से ज्यादा कर्मचारी हटाए, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में थे तैनात

उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण एवम् बाल विकास विभाग में तैनात 100 से ज्यादा कर्मचारियों को एक झटके में हटा दिया गया है।

उत्तराखंड: एक झटके में 100 से ज्यादा कर्मचारी हटाए, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में थे तैनात
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देहरादून, 5 दिसंबर: उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण एवम् बाल विकास विभाग में तैनात 100 से ज्यादा कर्मचारियों को एक झटके में हटा दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से महिला सशक्तीकरण सुरक्षा व बचाव के लिए अंब्रेला मिशन शक्ति की शुरूआत की गई है। केंद्र ने इस संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं में संविदा, आउटसोर्स एवं अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मचारियों के विभाग ने सेवाएं समाप्त कर दी। विभाग के उपनिदेशक एसके सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की पहले से चलाई जा रही योजनाएं वन स्टॉप सेंटर, राष्ट्रीय महिला हैल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्‍जवला, कामकाजी महिला छात्रावास, प्रधानमंत्री वंदना योजना सहित विभिन्न योजनाओं के लिए मानव संसाधन आउटसोर्स, संविदा एवं अन्य माध्यम से कार्यरत है। इस मामले में यह निर्णय लिया गया है कि इन योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों की 30 नवंबर 2022 तक ही स्वीकृति मान्य होगी। इनकी इस तिथि के बाद सेवाएं नहीं ली जाएगी।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग से हटाए गए संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आउटसोर्स कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। एक साजिश के तहत उन्हें हटाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से इस तरह के कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोई योजना पांच साल के लिए चलाई जाती है। जिसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इससे पहले ही उन्हें हटाया जा रहा है।

सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के हरि चंद सेमवाल का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से योजनाओं को नया रूप दिया गया है। जिसके तहत नए सिरे से कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।


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