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उत्तराखंड: ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ मामले में याचिकाकर्ताओं को झटका

उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ को लेकर दायर विभिन्न मामलों में आज कांग्रेस विधानसभा के हारे प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगा

उत्तराखंड: ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ मामले में याचिकाकर्ताओं को झटका
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नैनीताल। उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों में ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ को लेकर दायर विभिन्न मामलों में आज कांग्रेस विधानसभा के हारे प्रत्याशियों को बड़ा झटका लगा।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग, राज्य निर्वाचन अधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ साथ अन्य को पक्षकार बनाने के मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील को खारिज कर दिया और चुनाव आयोग, राज्य निर्वाचन अधिकारी, जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा रिटर्निंग अधिकारियों की दलील को स्वीकार कर लिया।

न्यायाधीश सर्वेश कुमार गुप्ता की अदालत में इस मामले में सुबह से ही सुनवाई हुई जो दोपहर बाद तक चली। दोनों पक्षों की ओर से जोरदार बहस हुई। कांग्रेस प्रत्याशियों की ओर से विभिन्न प्रकार की दलीलें देकर कोर्ट में कहा गया कि चुनाव आयोग, राज्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य को पक्षकार बनाया जा सकता है जबकि चुनाव आयोग की तरफ से इस मामले में ठोस बहस करते हुए इसका विरोध किया गया।

इस पूरे मामले में ज्योति बसु, माइकल फर्नांडीज और वी सुंदरामी रेड्डी केस का हवाला दिया गया। अंततः सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए एकलपीठ ने कांग्रेस प्रत्याशियों की दलील को खारिज कर दिया।

चुनाव आयोग, राज्य व जिला निर्वाचन अधिकारी तथा रिटर्निंग अधिकारियों की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत उन्हें पक्षकार नहीं बनाया जा सकता है।

कोर्ट ने अंततः उनकी दलील को स्वीकार करते हुए बड़ी राहत प्रदान की है।हालांकि कोर्ट ने कहा कि बतौर गवाह उन्हें समन किया जा सकता है।कोर्ट ने सभीयाचिकाकर्ताओं को तीन सप्ताह के अंदर सभी पक्षकारों के नाम हटाने के निर्देश दिये हैं।मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के जिन हारे प्रत्याशियों ने ईवीएम मशीनों मे छेड़छाड़ का मामला दायर किया है उनमें राजीव अग्रवाल (काशीपुर), नवप्रभात (विकास नगर),राजकुमार (रायपुर देहरादून), गोदावरी थापली (मंसूरी), विक्रम सिंह नेगी (प्रतापनगर) और चरण सिंह (हरिद्वार ग्रामीण) शामिल हैं।


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