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उत्तराखंड : चारधाम श्राइन बोर्ड में सिर्फ हिंदू मुख्यमंत्री ही बन सकेंगे अध्यक्ष

उत्तराखंड सरकार ने वैष्णो देवी की तर्ज पर चारधाम श्राइन बोर्ड का गठन कर दिया है

उत्तराखंड : चारधाम श्राइन बोर्ड में सिर्फ हिंदू मुख्यमंत्री ही बन सकेंगे अध्यक्ष
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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने वैष्णो देवी की तर्ज पर चारधाम श्राइन बोर्ड का गठन कर दिया है। चारधाम विकास बोर्ड में यह शर्त रखी गई है कि मुख्यमंत्री अगर हिंदू होगा तो ही वह अध्यक्ष बन सकेगा, वरना सरकार के वरिष्ठ हिंदू मंत्री बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने इस दिशा में अहम कदम उठाते हुए उत्तराखंड चार धाम श्राइन प्रबंधन बोर्ड विधेयक-2019 को मंजूरी दी।

राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा, "तीन सांसद और छह विधायक बोर्ड के सदस्य होंगे। चार अन्य सदस्यों को सरकार नामित करेगी। पुजारियों के तीन प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे। वरिष्ठ आईएएस अफसर इसके सीईओ और पदेन सचिव होंगे।"

मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित नए अधिनियम के तहत चार धाम विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, बशर्ते वह हिंदू हों। मुख्यमंत्री के गैर हिंदू होने की स्थिति में हिंदू धर्म को मानने वाले मंत्रिपरिषद के वरिष्ठ मंत्री को बोर्ड अध्यक्ष का जिम्मा दिया जा सकेगा। संस्कृति और धार्मिक मामलों का प्रभारी मंत्री उपाध्यक्ष होगा।

उत्तराखंड राज्य बनने के 19 साल बाद पहली बार चारों पवित्र धामों, उनके नजदीकी मंदिरों समेत तकरीबन 50 प्रसिद्ध मंदिरों के विकास, प्रबंधन और देश-दुनिया से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए यात्रा संचालन को व्यवस्थित करने के लिए सरकार ने उक्त कदम उठाया है।

उन्होंने कहा कि लंबे अरसे से नया श्राइन बोर्ड बनाने पर विचार तो किया जा रहा था, लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया।

उन्होंने बताया कि चारधाम श्राइन बोर्ड का गठन होने पर बद्री-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के सभी कार्मिक बोर्ड के सदस्य कर्मचारी माने जाएंगे। साथ ही अन्य पदों का सृजन भी किया जाएगा। विधेयक के अनुसार बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री के पुजारी, रावल, नायब रावल और पंडों के वंशानुगत व परंपरागत अधिकार संरक्षित रहेंगे। इनकी नियुक्ति व अधिकारों के संरक्षण के लिए बीकेटीसी के सभी प्रावधानों को बोर्ड में सम्मिलित किया गया है।


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