उत्तराखंड : महिला उन्नयन योजना की शुरूआत
उत्तराखंड के देहरादून में मत्स्य पालन दिवस पर आज राज्य की मत्स्य और महिला कल्याण राज्यमंत्री रेखा आर्या ने दो जिलों में मत्स्य पालन स्वरोजगार से महिला उन्नयन योजना को शुरू किया

देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में मत्स्य पालन दिवस पर आज राज्य की मत्स्य और महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या ने दो जिलों में मत्स्य पालन स्वरोजगार से महिला उन्नयन योजना को शुरू किया और प्रदेश के विभिन्न मत्सय पालकों को सम्मानित भी किया।
देहरादून स्थित मत्स्यन निदेशालय में आयोजित एक समारोह में इस पायलट योजना का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ करते हुए श्रीमती आर्या ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाएं बहुत ही परिश्रमी होती हैं।
गेहूं, चना, धान आदि कृषि उत्पादों में लागत बहुत अधिक होने के अतिरिक्त प्राकृतिक आपदाओं से हानि की संभावना रहती है। इतना ही नहीं, भूमि कृषि उत्पादों में परिश्रम भी बहुत अधिक करना होता है। ऐसे में जल कृषि को प्रोत्साहन दिया जाना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को पूर्ण रूप से जल आधाारित कृषि कहा जाना चाहिए। जिसमें लागत अत्यन्त कम और किसी भी तरह की हानि की संभावना भी न्यूनतम होती है।
राज्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र की तलाकशुदा, विधवा, परित्यकता और निर्बल वर्ग की महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए मत्स्य पालन स्वरोजगार से महिला उन्नयन योजना अल्मोडा और उत्तरकाशी जनपदों में पायलट योजना के रूप में शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत गांव की पांच महिलाओं के समूह बनाकर राज्य सरकार की ओर से उन्हें मनरेगा के तहत तालाब बनाकर दिए जाएंगे।
जिसमें न्यूनतम छह हजार रुपये की आय प्रथम वर्ष में होगी।
इसके अगले वर्ष इन महिला मत्स्य समूहों को अनुदान के आधार पर बीज और मछलियों का पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा।
श्रीमती आर्या ने कहा कि मछली अत्यन्त पौष्टिक होती है, इसलिए इसका विपणन भी आर्थिक उन्नयन के लिए बहुत सार्थक होता है।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में एक मत्स्य पालकों के लिए एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
जिसमें उप निदेशक मत्स्य (नियोजन) एच. के. पुरोहित ने मत्स्य पालकों को शुरू हुयी नवीन योजना के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी के अतिरिक्त, नदियों में मात्स्यिकी विकास हेतु बीट आंवटन प्रक्रिया एवं उसके लाभ, मत्स्य पालन की नवीनतम तकनीकी जानकारियां, संरक्षण व संवर्द्धन, मत्स्य पालन में आ रही कठिनाईयों हेतु सुझाव प्रदान किये गए।
राज्यमंत्री ने प्रदेश के प्रत्येक जनपद से चिह्नित कुल 13 मत्स्य पालकों, जिला स्तरीय मत्स्य फेडरेशन, हरिद्वार के अध्यक्ष नेपाल सिंह को उनके मत्स्य पालन हेतु उत्कृष्ठ कार्यों हेतु प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
श्रीमती आर्या ने समस्त सम्मानित किये गये मत्स्य पालकों को भविष्य में भी इसी प्रकार कार्य करते हुए अपने अपने जनपदों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देते हुए अन्य व्यक्तियों हेतु प्रेरणा स्रोत के रूप में बनने की अपेक्षा की।
इस अवसर पर पायलट योजना से संबंधित विवरणिका का भी विमोचन किया गया।
इसके अतिरिक्त, उत्तरकाशी जिले से आई एक निर्बल वर्ग की महिला बछेन्द्रा देवी को पायलट परियोजना के तहत प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।


