उत्तराखंड ने की इलेक्ट्रिक बस चलाने की पहल
पहाड़ों को प्रदूषणमुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने डीजल की बजाय इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना बनाई है, कुमाऊं मंडल में नैनीताल जिले से इसकी शुरुआत की गयी है

नैनीताल। उत्तराखंड ने प्रदूषण एवं ईंधन की खपत पर लगाम लगाने के लिए अभिनव पहल की गयीर है। पहाड़ों को प्रदूषणमुक्त करने के लिए राज्य सरकार ने डीजल की बजाय इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना बनाई है। कुमाऊं मंडल में नैनीताल जिले से इसकी शुरुआत की गयी है।
परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र के हल्द्वानी से नैनीताल के लिए पहली इलेक्ट्रिक बस को आज हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और कहा कि हल्द्वानी एवं पर्यटक नगरी नैनीताल के मध्य 25 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। विद्युतीकृत बसों के संचालन से यहां के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रदूषण पर भी लगाम लगेगा।
आर्य ने कहा कि इसी प्रकार पहाड़ों की रानी मंसूरी एवं राजधानी देहरादून के बीच भी पर्यटकों की सुविधा के लिए इलेक्ट्रिक बस चलायी जा रही हैं। इन बसों के संचालन से तीन गुना खर्चा भी कम हुआ है। मंसूरी एवं देहरादून के मध्य इन बसों का संचालन सफल रहा।
रोडवेज परिसर में हुए सादे समारोह में इस मौके पर नैनीताल के विधायक संजीव आर्य एवं हल्द्वानी के मेयर डाॅ. जोगेन्दर पाल सिह रौतेला भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि रोडवेज के बेड़े में चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ायी जाएगी।


