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उत्तराखंड चुनाव : भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी कांटे की टक्कर

अगर भविष्यवाणियां और अनुमान सही साबित होते हैं, तो उत्तराखंड की चुनावी लड़ाई सचमुच काफी करीबी देखने को मिलेगी

उत्तराखंड चुनाव : भाजपा और कांग्रेस के बीच होगी कांटे की टक्कर
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नई दिल्ली। अगर भविष्यवाणियां और अनुमान सही साबित होते हैं, तो उत्तराखंड की चुनावी लड़ाई सचमुच काफी करीबी देखने को मिलेगी।

इसका खुलासा तब हुआ, जब सोमवार शाम को जारी सीवोटर-एबीपी न्यूज ओपिनियन पोल द्वारा अंतिम सीट अनुमानों की घोषणा की गई।

उत्तराखंड में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही करीबी लड़ाई में देखे जा सकते हैं। भाजपा ने 2021 में छह महीने की अवधि में तीन मुख्यमंत्रियों को बदला, तो यह कांग्रेस के लिए एक आसान कदम की तरह लग रहा है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अभी भी सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया जा रहा है। हालांकि चुनाव के नतीजों को देखें तो यह इतना आसान नहीं होगा।

भाजपा को 2012 की कड़वी यादें याद आ रही हैं, जब उसकी मौजूदा सरकार ने कांग्रेस से सिर्फ एक सीट कम जीती और सत्ता गंवा दी। संयोग से, पार्टी ने तब भी अंतिम समय पर मुख्यमंत्री पद में परिवर्तन किया था।

इस चुनावी सर्वे के अंतिम परिणामों के अनुसार, कांग्रेस 30 से 36 सीटों के बीच जीत सकती है। संयोग से 36 उत्तराखंड में जादुई बहुमत का निशान है।

वहीं भाजपा को 31 से 37 सीटों के बीच मिल सकती है। आम आदमी पार्टी (आप) जिसने एक गंभीर दावेदार के रूप में उभरने का ²ढ़ प्रयास किया है, वह 2 से 4 सीटों की अनुमानित सीमा के साथ बहुत पीछे है। जब इस तरह के कड़े मुकाबले का अनुमान लगाया जा रहा है, तो कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी, इसका अनुमान लगाना भी बहुत मुश्किल है, जैसा कि 2012 में हुआ था, जब कांग्रेस ने आखिरकार भाजपा को सत्ता से हटा दिया था।

विश्लेषकों के अनुसार, अगर ऐसा होता है, तो दो मुख्य कारण हरीश रावत की लोकप्रियता के साथ-साथ भाजपा सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर होगी। यदि कांग्रेस विफल हो जाती है, तो एक बड़ा कारण आप की ओर से भाजपा विरोधी वोट शेयर में सेंध लगाना हो सकता है।


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