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उत्तराखंड कांग्रेस : धड़ों में बंटना, बड़ी विडंबना

लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद भी उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी संगठन को नए सिरे से खड़ा नहीं कर पा रही है, क्योंकि पार्टी कई धड़ों में बंटी हुई है।

उत्तराखंड कांग्रेस : धड़ों में बंटना, बड़ी विडंबना
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देहरादून । लोकसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद भी उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी संगठन को नए सिरे से खड़ा नहीं कर पा रही है, क्योंकि पार्टी कई धड़ों में बंटी हुई है।

हाईकमान की हिदायत के बावजूद पार्टी में गुटबंदी थमने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी सार्वजनिक रूप से एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगे रहते हैं। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस के अंदर तीन धड़े काम कर रहे हैं।

एक खेमा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश तो दूसरा खेमा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का माना जा रहा है। तीसरा धड़ा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का है। इसी कारण संभवत: कांग्रेस पिछले ढाई सालों में नई कार्यकारिणी नहीं ला पा रही है।

उत्तराखंड के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक विपिन बनियाल का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और हरीश रावत का अपना-अपना धड़ा है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश भी प्रीतम सिंह के साथ हैं। वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अपना कद बढ़ाने के लिए कहीं इस खेमे जाते हैं तो कभी उस खेमे। इसी कारण नई कार्यकारिणी पर फैसला नहीं हो पा रहा है।

प्रीतम सिंह छोटी कार्यकारिणी बनाना चाह रहे हैं, मगर वह इसलिए सफल नहीं हो पा रहे, क्योंकि हर गुट के नेता अपने-अपने चहेतों को कार्यकारिणी में शामिल कराना चाह रहे हैं। इसी कारण कांग्रेस का संगठन मजबूत नहीं हो पा रहा है।

एक अन्य विश्लेषक सुधाकर सिंह ने कहा, "गुटबाजी तो यहां काफी सालों से चली आ रही है। लेकिन समस्या यह है कि सारे धड़े अपने-अपने चहेतों को भी पार्टी में शामिल कराना चाह रहे हैं। कुछ यहीं के स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, तो कुछ सीधे हाईकमान तक जाकर अपनी सिफारिश कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि एक सबसे बड़ी बात यह है कि यहां के दिग्गज नेता रहे विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जाने के बावजूद इनके लोग अभी तक कांग्रेस पार्टी को चला रहे हैं। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष व अन्य लोग ऐसे नेताओं को चिन्हित करके उन्हें कार्यकारिणी से अलग रखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि नई कमेटी बनाने के लिए पुराने नेताओं को बाहर किया जाएगा। अलाकमान तीनों धड़ो के नेताओं का सामंजस्य करने के बाद ही कमेटी घोषित करेगी।

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा, "हमारी नई कार्यकारिणी जल्द घोषित होगी। यह नवंबर में हर कीमत पर बन जाएगी। संगठन हमारा मजबूती के साथ काम कर रहा है। कमेटी छोटी होगी या बड़ी, इस बारे में हाईकमान को निर्णय लेना है।"


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