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उत्तराखंड कैबिनेट ने स्वरोजगार सहित कई विषयों पर फैसले लिए

उत्तराखंड मंत्रिमण्डल (कैबिनेट) की गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले लिये गये

उत्तराखंड कैबिनेट ने स्वरोजगार सहित कई विषयों पर फैसले लिए
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देहरादून । उत्तराखंड मंत्रिमण्डल (कैबिनेट) की गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण फैसले लिये गये।
बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुये शासकीय प्रवक्ता शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि बेरोजगारी नियन्त्रण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजना के अंतर्गत, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के प्रथम चरण में सहकारिता विभाग के माध्यम से डेरी, ठेली, फेरी, व्यवसाय के लिए 50 हजार व्यक्तियों को उपलब्ध कराए जाने वाले ऋण का ब्याज दो वर्ष तक राज्य सरकार वहन करेगी। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 20 हजार से अधिक नागरिकों को सहकारिता विभाग के माध्यम से मोटरसाइकिल टैक्सी योजना में 60 हजार रुपये तक के ऋण का दो वर्ष तक का ब्याज राज्य सरकार देगी।

उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की गाइड लाइन को सरल किया गया है। अब इसके अंतर्गत छोटे पुल पेयजल लाइन, चैक डैम, स्कूल भवन, सिंचाई नहर जैसे सुरक्षात्मक कार्य भी किये जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने राज्य सरकारी एवं सार्वजनिक चीनी मिल के लिए एक एथनॉल प्लांट पी.पी.पी. मोड में 100 के.एल.पी.डी क्षमता का संयंत्र बाजपुर में लगाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि सहकारिता नियमावली में संशोधन किया गया है, जिसमें अब समिति को एक निश्चित धनराशि की जगह लाभ के आधार पर प्रशिक्षण आदि के लिए राशि प्रदान की जाएगी।

कैबिनेट ने केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरूप भीमताल केन्द्रीय विद्यालय के 0.25 हेक्टेयर भूमि आवंटन के लिए लगने वाले सर्किल रेट दो करोड़ रुपये को माफ करने का भी फैसला लिया है। साथ ही, अल्मोड़ा में 1999 में बंद हो गई कुंम्ट्रान लिमिटेड के 11 कर्मचारियों को पुर्ननियोजित किये जाने के क्रम में शेष पांच को भी 2004 तक अवैतनिक मानते हुए सेवाकाल की गणना मानते हुए लाभ देने की घोषणा की है। वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले महाकुंभ में श्रद्वालुओं एवं संतों की व्यवस्था हेतु शौचालय इत्यादि के लिए धन प्रबंधन के लिए निर्णय लेने का अधिकार कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को दिया है।



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