उत्तराखंड कैबिनेट ने 14 प्रस्तावों पर फैसला लिया
उत्तराखंड मंत्रिमण्डल (कैबिनेट) की गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न 14 प्रस्तावों पर फैसला लिया गया।

देहरादून। उत्तराखंड मंत्रिमण्डल (कैबिनेट) की गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न 14 प्रस्तावों पर फैसला लिया गया।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने देते हुये बताया कि वैश्विक महामार कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से सम्बन्धित जनपद सीमा पर क्वारंटीन किए जाने सम्बन्धी नैनीताल, उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में होने वाली व्यवस्थागत, और संस्थागत समस्या की जानकारी न्यायालय को दी जाएगी। कैबिनेट ने 15वें राज्य वित्त आयोग के अनुदान धनराशि की निकायों में वितरण दरों में परिवर्तन किया है। जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में क्रमश: 35, 30, 35 के अनुपात को बदल कर 75, 10, 15 के अनुपात में भुगतान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 852 करोड़ रुपए की धनराशि में से 575 करोड़ रुपए पंचायती राज एवं 278 करोड़ शहरी निकाय को दिया जाएगा।
कैबिनेट ने राज्य जोत चकबन्दी नियमावली 2020 को मंजूरी दे दी है। इसके अन्तर्गत नाम, परिभाषा, नोटिस भेजना, अधिसूचना जारी करना, इत्यादि को स्पष्ट किया गया है। उसके साथ ही, पेयजल संस्थान के प्रबन्ध निदेशक पद की चयन प्रक्रिया में वार्षिक प्रविष्टि के लिए समयसीमा आठ वर्ष की जगह पांच वर्ष की गयी। उन्होंने बताया कि पूर्णबंदी में शराब दुकानों के बन्द रहने की अवधि में फुटकर अनुज्ञापी के पिछले वित्त वर्ष मार्च में 10 दिन के नुकसान 34 करोड़ एवं एक अप्रैल से तीन मई के बीच 195 करोड़ रुपए का भार सरकार ने वहन करने का फैसला किया है।
श्री कौशिक ने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री कृषि विकास योजना लागू की गयी है। इसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार के बीच कोष के बीच अंतर की भरपाई राज्य सरकार करेगी। इतना ही नहीं, बीज क्रय हेतु अन्य निगमों के अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर, टिहरी भरसार विश्वविद्यालय एवं आईसीएआर के लिए अनुमति दी गयी। उन्होंने बताया कि राज्य वन्य जीव अवैध शिकार अपराध रोकथाम के लिए 14 पदों का सृजन को अनुमति दी गई है। यह पद विभागीय होंगे।


