Top
Begin typing your search above and press return to search.

उत्तराखंड कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता को मंजूरी दी

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मसौदे को उत्तराखंड कैबिनेट की मंजूरी मिलने से राज्य विधानसभा में इसे पेश करने का रास्ता साफ हो गया है

उत्तराखंड कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता को मंजूरी दी
X

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मसौदे को उत्तराखंड कैबिनेट की मंजूरी मिलने से राज्य विधानसभा में इसे पेश करने का रास्ता साफ हो गया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मसौदा रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. पांच सदस्यीय यूसीसी पैनल ने शुक्रवार को मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा था. इसे 6 फरवरी को विशेष रूप से बुलाए गए विधानसभा सत्र में पेश करने की तैयारी है. एक बार यह कानून बन जाता है तो उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी को लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा.

शनिवार को भी कैबिनेट की बैठक हुई थी लेकिन इसमें यूसीसी का मुद्दा नहीं शामिल था. इसके बाद रविवार को कैबिनेट की एक और बैठक हुई.

मीडिया में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कैबिनेट रविवार को एक ही एजेंडे के साथ बुलाई गई थी, जिसका मकसद यूसीसी मसौदा रिपोर्ट को मंजूरी देना था. आधिकारिक मंजूरी से पहले, पूरे कैबिनेट को रिपोर्ट की एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई थी.

विशेष सत्र में पेश होगा यूसीसी

उत्तराखंड विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है. इस सत्र में मुख्यमंत्री 6 फरवरी को समान नागरिकता कानून को सदन के पटल पर रहने वाले हैं. उत्तराखंड सरकार की योजना उसे सदन में पास कराकर जल्द ही प्रदेश में लागू करने की है.

सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने 2 फरवरी को चार खंडों में विभाजित 740 पेज की रिपोर्ट सौंपी मुख्यमंत्री धामी को सौंपी थी.

धामी सरकार ने यूसीसी को राज्य में लागू करने के लिए 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था. मार्च 2022 में सरकार के गठन के फौरन बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन करने को मंजूरी दी थी.

समिति ने मसौदे में कई अहम प्रस्ताव दिए

समिति द्वारा रखे गए कुछ प्रमुख प्रस्तावों में बहुविवाह, हलाला, इद्दत और बाल विवाह पर प्रतिबंध हैं. साथ ही सभी धर्मों में लड़कियों की शादी के लिए समान उम्र, सभी धर्मों के लिए समान विरासत कानून और लिव-इन रिलेशन का अनिवार्य पंजीकरण शामिल हैं.

दूसरी ओर, यूसीसी का मुस्लिम सेवा संगठन ने विरोध भी जताया है. इतना ही नहीं, विधानसभा सत्र से पहले प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है, ताकि 6 फरवरी को जब विधानसभा के पटल पर यूसीसी के ड्राफ्ट को रखा जाएगा, तब कोई भी असामाजिक तत्व किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सके.

राज्य में किसी तरह की कोई उत्पात या अप्रिय स्थिति या घटना न हो, इसको देखते हुए रविवार से ही धारा 144 लागू कर दी गई है.

असम और गुजरात सरकारों ने "उत्तराखंड यूसीसी मॉडल" अपनाने में रुचि व्यक्त की है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it