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उत्तराखंड में इस वर्ष 1078 सड़क हादसों में 772 लोगों की मौत

उत्तराखंड में इस वर्ष अभी तक 1078 सड़क दुर्घटनायें हुईं हैं जिनमें 772 लोगों की मौत हाे गयी

उत्तराखंड में इस वर्ष 1078 सड़क हादसों में 772 लोगों की मौत
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देहरादून। उत्तराखंड में इस वर्ष अभी तक 1078 सड़क दुर्घटनायें हुईं हैं जिनमें 772 लोगों की मौत हाे गयी।

वर्ष 2017 में विभिन्न सड़क हादसों में 698 और 2016 में 706 लोगों की मौत हुई थी। यह जानकारी राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल कुमार रतूडी ने उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों की मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में दी।

बैठक में मुख्य सचिव की ओर से राज्य में इस वर्ष हुई पांच गंभीर सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित कारणों की जानकारी तथा सडक दुर्घटनाओें के नियंत्रण के लिये परिवहन तथा पुलिस विभाग द्वारा किये गये उपायों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लो.नि.वि, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग को संयुक्त रूप से प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने उच्चतम न्यायालय के रोड सेफ्टी एक्शन प्लान के निर्देशों के अनुरूप अनुमोदित योजना के तहत अब तक की गई कार्यवाही पर जानकारी भी प्राप्त की। लो.नि.वि. अभियंताओं को इस संबंध मे प्रशिक्षण दिये जाने हेतु धनराशि भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने राज्य में चिन्ह्ति 130 ब्लैक स्पाॅट को ठीक करने की प्रगति की भी जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने मुख्य अभियंता लो.नि.वि. को निर्देश दिये कि कार्यदायी संस्था एनएच एवं एनएचएआई तथा बीआरओं के क्षेत्र के तहत ठीक किये गये ब्लैक स्पाट की भी निरन्तर समीक्षा की जाय।

मुख्य सचिव ने नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार जनपदों में जहाँ सड़क दुर्घटनाओं के अधिकतर मामले सामने आये हैं को प्राथमिकता में लेते हुए यहाँ सड़क हादसों में नियंत्रण के लिये प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित करते रहने और उसमें सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित कार्यों की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटनाओं के कारणों में बिना हेल्मेट, मोबाईल पर बात करना, तेज ड्राईविंग, शराब पीकर वाहन चलाना, ओवर लोडिंग के प्रति निरन्तर अभियान चलाने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव द्वारा रोड सेफ्टी एक्शन प्लान, इंजिनियरिंग इंप्रूवमेंट, रोड सेफ्टी आॅडिट, मोटर वीकल्स (ड्राइविंग) रेगुलेशन 2017 में जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप की गई कार्यवाही की भी विस्तार से समीक्षा की गई।

बैठक में डीजीपी अनिल रतूड़ी ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित तीन वर्षीय तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करते हुए जानकारी दी कि वर्ष 2018 में 1078 तथा वर्ष 2017 में 1178 तथा वर्ष 2016 में 1192 सड़क दुर्घटनायें हुईं, जिनमें वर्ष 2018 में 772 तथा 2017 में 698, 2016 में 706 लोगों की मौत हुई। उन्होंने वर्ष 2018 में मृतकों की संख्या बढ़ने का कारण 01 जुलाई, 2018 में जनपद पौड़ी की बमणीसैण-धूमाकोट मार्ग पर हुई बड़ी घटना को बताया जिसमें ओवरलोडिंग एवं सड़क खराब होने के कारण 48 लोगों की मौत हुई थी।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष सितम्बर तक 12.56 लाख चालान कर 18.09 करोड़ रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। वर्ष 2018 में 32264 डीएल निलम्बन की संस्तुति की गई। तथा बिना हेल्मेट के 434891 चालान काटे गये। आयुक्त परिवहन श्री शैलेष बगौली ने बताया कि जनपद स्तर पर सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तिमाही जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की जा रही है।

बैठक में अपर आयुक्त परिवहन सुनीता सिंह, मुख्य अभियंता लोनिवि हरिओम शर्मा सहित परिवहन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।


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