Top
Begin typing your search above and press return to search.

भीम आर्मी के समर्थकों पर उत्तर प्रदेश पुलिस का हमला निंदनीय- दारापुरी

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक, सदस्य भीम आर्मी डिफेन्स कमेटी एवं संयोजक जन मंच उत्तर प्रदेश एस.आर. दारापुरी ने कहा है कि “भीम आर्मी के समर्थकों पर उत्तर प्रदेश पुलिस का हमला निंदनीय’ है

भीम आर्मी के समर्थकों पर उत्तर प्रदेश पुलिस का हमला निंदनीय- दारापुरी
X

लखनऊ। पूर्व पुलिस महानिरीक्षक, सदस्य भीम आर्मी डिफेन्स कमेटी एवं संयोजक जन मंच उत्तर प्रदेश एस.आर. दारापुरी ने कहा है कि “भीम आर्मी के समर्थकों पर उत्तर प्रदेश पुलिस का हमला निंदनीय’ है।

आज यहांजारी एक बयान में श्री दारापुरी ने कहा कि 15 अक्तूबर को गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बनी भीम आर्मी डिफेन्स कमेटी के संयोजक प्रदीप नरवाल जो ज़ेएन्यू के छात्र भी हैं को दिल्‍ली-फरीदाबाद बॉर्डर पर रविदास मंदिर में कमेटी की बैठक के बाद गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा जबरदस्ती उठा लिया गया। उन्होंने प्रदीप के सिर पर पिस्तौल तानकर कहा कि चुपचाप साथ चलें वरना एनकाउंटर हो जाएगा।

एक पुलिसवाला उनकी कार में बैठा और बाकी उन्‍हें लेकर नोएडा निकल लिए। एक राउंड उनसे नोएडा में पूछताछ की गई। फिर प्रदीप को लेकर वे मुरादनगर, ग़ाजि़याबाद में एक ढाबे पर पहुंचे। ढाबा खाली कराया गया और प्रदीप को करीब साढ़े चार घंटे बंधक बनाकर वहां पूछताछ की जाती रही। उनसे भीम आर्मी के बारे में पूछा गया। भीम आर्मी और डिफेन्स कमेटी के पदाधिकारियों का नाम लेकर उनसे लगातार सवाल किए गए और सिर पर बंदूक रखकर एनकाउंटर की धमकी दी जाती रही।

श्री दारापुरी ने कहा कि डिफेंस कमेटी के दूसरे संयोजक और वरिष्‍ठ पत्रकार संजीव माथुर बताते हैं कि करीब छह बजे के आसपास उनके पास प्रदीप का फोन आया। प्रदीप घबराए हुए थे। उन्‍होंने संजीव से फोन पर बस इतना ही कहा कि आकर उन्‍हें छुड़ा लें। दिलचस्‍प बात है कि अब तक संजीव या कमेटी में से किसी को भी इस बात की भनक नहीं थी कि एक संयोजक को सरेराह बंदूक की नोंक पर उठा लिया गया है।

प्रदीप साढ़े छह बजे के बाद मुक्‍त हुए। प्रदीप ने पहले 100 नंबर पर एक ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवायी और उसके बाद वसंत कुंज (नयी दिल्ली) थाने में तहरीर दी। प्रदीप ने तहरीर में लिखा है कि उनकी जान को यूपी पुलिस से खतरा है। उन्‍होंने इस तथ्‍य का हवाला दिया है कि हाल के दिनों में चूंकि दलितों और आदिवासियों को अगवा करके उत्‍पीडि़त किया जाता रहा है और मारा जाता रहा है, लिहाजा उन्‍हें डर है कि उनके साथ भी कहीं ऐसा न हो जाए। वे इस सिलसिले में यूपी पुलिस पर एक एफआइआर करवाने का भी प्रयास कर रहे हैं। प्रदीप नरवाल जेएनयू की राजनीति को जानने वाले लोगों के लिए एक परिचित नाम है।

श्री दारापुरी ने कहा कि उल्लेखनीय है कि भीम आर्मी डिफेंस कमेटी देश भर के बुद्धिजीवियों, लेखकों, कार्यकर्ताओं और छात्रों का एक मिलाजुला समर्थन-समूह है जिसके मशहूर चेहरों में अकादमिक प्रो. कांचा इलैया, दलित प्रश्‍नों पर अहम स्‍वर आनंद तेलतुम्‍बड़े, दलित चिंत‍क चंद्रभान प्रसाद, आंदोलनकारी जिग्‍नेश मेवाणी, वरिठ पत्रकार राधिका रामशेषन, हर्ष मंदर, योजना आयोग की सदस्‍य रहीं सैयदा हमीद, जनसत्‍ता के पूर्व कार्यकारी संपादक ओम थानवी, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसआर दारापुरी, प्रसिद्ध फिल्‍मकार आनंद पटवर्धन, पत्रकार अनिल चमडि़या और सुभाष गाताडे, अकादमिक आदित्‍य निगम और सरोज गिरि जैसे लोग शामिल हैं। ऐसे प्रतिष्ठित व्‍यक्तियों से मिलकर बने एक विविध समूह से आखिर पुलिस को क्‍या दिक्‍कत हो सकती है और अगर है भी तो वह इसके किसी सदस्‍य को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के अपराधियों की तरह कैसे उठा सकती है, प्रदीप नरवाल की तहरीर से ये अहम सवाल पैदा होते हैं।

श्री दारापुरी ने आगे बताया है कि भीम आर्मी डिफेन्स कमेटी अपने सदस्यों पर हमले के मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है. इस सम्बन्ध में शीघ्र ही लखनऊ में प्रेस वार्ता करके दलितों के समर्थकों पर पुलिस के हमले का विरोध जिताएगी और इसके बाद सहारनपुर में एक बड़ी जनसभा भी आयोजित करेगी. भीम सेना के समर्थकों पर योगी सरकार के हमले उसकी दलित विरोधी मानसिकता के द्योतिक हैं जिस के विरुद्ध दलितों और दलित समर्थकों को लामबंद किया जायेगा।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it