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एनसीईआरटी की किताबों से अनुपयोगी सामग्री हटे

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने एनसीईआरटी की किताबों से अनुपयोगी सामग्री को हटाने की मांग की है

एनसीईआरटी की किताबों से अनुपयोगी सामग्री हटे
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नोएडा। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने एनसीईआरटी की किताबों से अनुपयोगी सामग्री को हटाने की मांग की है।

मंगलवार को सेक्टर-62 स्थित प्रेरणा मीडिया नैपुण्य संस्थान में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि एनसीईआरटी की कई पुस्तकों में असंवैधानिक सामग्री है, जिसे तत्काल हटाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी हर दस वर्ष में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या तैयार करती है। पिछली बार वर्ष 2005 में पाठ्यचर्या तैयार की गई थी और वर्ष 2015 में इसे फिर तैयार किया जाना था, लेकिन अब तक यह तैयार नहीं हो पाई है। इस दिशा में तत्काल प्रयास किया जाना चाहिए।

इसी तरह एनसीटीई की वर्ष 2014 में बनी पाठ्यचर्या की भी समीक्षा करने की जरूरत है। इस पाठ्यचर्या में 90 फीसद विदेशी पुस्तकों का संदर्भ दिया गया है। अतुल कोठारी ने बताया कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन पांच से सात मई तक इलाहाबाद में किया गया था। इसमें तमाम निर्णय लिए गए।

हमने केंद्र सरकार से मांग की है कि सभी मंत्रालयों, विभागों व कार्यालयों में ङ्क्षहदी व अन्य राजभाषाओं में पत्राचार का अविलंब निर्देश दिया जाए। राजभाषा ङ्क्षहदी के प्रशिक्षण की व्यवस्था हो।

अतुल कोठारी ने कहा सभी विवि में भारतीय परंपरा के अनुसार दीक्षा समारोह का आयोजन किया जाना चाहिए। इसके लिए जल्द ही सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा जाएगा। इस दौरान प्रो. अरुण कुमार भगत समेत अन्य लोग मौजूद थे।


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