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एक दूसरे के सुख-दु:ख में काम आना सतनामी समाज की परंपरा, इस परंपरा को कोरोना काल में भी बनाए रखे : राजेश रात्रे

कोरोना काल में जहां लोग एक दूसरे को देख कर दूरी बनाने में लगे हुए है

एक दूसरे के सुख-दु:ख में काम आना सतनामी समाज की परंपरा, इस परंपरा को कोरोना काल में भी बनाए रखे : राजेश रात्रे
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अंवरी। कोरोना काल में जहां लोग एक दूसरे को देख कर दूरी बनाने में लगे हुए है,ऐसे परिस्थिति में सतनामी समाज के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश रात्रे ने लोगो से अपील किया है की कोरोना काल में लोगो को एक दूसरे की सहयोग की सख्त जरूरत है,

दुनिया के लगभग सभी देशों में कोरोना संक्रमण फैला हुआ है इसके बावजूद दुनिया के तमाम देश मिलकर कोरोना से लडऩे साहस से खड़े है, परिस्थितियां विपरीत होने के बावजूद विश्व के सभी देश एक-दूसरे का हरसंभव मदद कर रहा है, ऐसे ही हमे भी इस विपरीत परिस्थिति में संक्रमित व उनके परिवार जनों का सुरक्षित रूप से सहयोग करने की आवश्यकता है,ताकि लोग इस महामारी से लडऩे में अपने आप को अकेला न समझे, आपदा की इस घड़ी में घर-परिवार,समाज सहित विभिन्न लोगों की हरसंभव सहायता करने की आवश्यकता है, निश्चित रूप से कोरोना महामारी से लोग भय वश एक दूसरे से दूरी बनाने में लगे हुए है,लेकिन इसका दूरगामी परिणाम ये होगा की लोग एक दूसरे की बुरे वक्त में किनारा करने लगेंगे, देश और दुनिया देर-शबेरे महामारी के प्रकोप से तो निकल जायेगा,लेकिन कोरोना काल में लोगो के द्वारा किया गया बुरा बर्ताव के कारण लोगो का मानवता से भरोसा उठ जाएगा। इस बुरे वक्त में जरूरत है लोगो को सहानुभूति,प्रेम और सहयोग की, जितना हो सके परिवार,समाज,विभिन्न समुदाय सहित देश का सहयोग करे,इस विकट परिस्थिति में पीडि़त परिवार को कभी प्रताडि़त या नर्वस महसूस ना होने दे।

समाज में आपसी सहयोग,एक दूसरे के सुख-दु:ख में काम आना सतनामी समाज की परम्परा रहा है,इस परंपरा को कोरोना काल में भी बनाए रखने की अपील राजेश रात्रे प्रदेश मीडिया प्रभारी सतनामी समाज छत्तीसगढ़ ने किया है।


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