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मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी का प्रयोग अत्यंत घृणित एवं असहनीय: विश्व हिंदू परिषद

आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले पर विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले पर विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है

मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी का प्रयोग अत्यंत घृणित एवं असहनीय: विश्व हिंदू परिषद
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नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट मामले पर विश्व हिंदू परिषद(विहिप) के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग बागड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा है कि हिंदुओं की भावनाओं के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ जानबूझ कर और लंबे समय से किया जा रहा है। इससे पूरे हिंदू समाज में आक्रोश की लहर है। हिंदुओं की आस्था पर बार-बार हो रहे इस प्रकार के हमलों को हिंदू समाज अब और बर्दाश्त नहीं करेगा। भगवान तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जिस प्रकार विभिन्न पशुओं का मांस मिलाया गया, यह अत्यंत घृणित एवं असहनीय कृत्य है।

बागड़ा ने निष्पक्ष जांच की वकालत की। उन्होंने आगे कहा, विश्व हिंदू परिषद पुरजोर मांग करती है कि इस घटना की पूर्णतः निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। न केवल ऐसे घृणित कुकृत्यों पर रोक लगनी चाहिए, बल्कि जो व्यक्ति या अधिकारी ऐसा निर्णय लेने या करवाने के लिए जिम्मेदार है, उसके विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए तथा उसे दंडित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद लंबे समय से मांग कर रही है कि हिंदू देवी-देवताओं और मंदिरों पर सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए। उन्हें समाज के नियंत्रण में होना चाहिए और समाज द्वारा उनका प्रबंधन किया जाना चाहिए। मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से राजनीति का प्रवेश होता है। वहां गैर-हिंदू अधिकारियों की नियुक्ति से प्रसाद में मिलावट होती है इसलिए हम एक बार फिर मांग करते हैं कि हिंदू पूजा स्थल, मंदिर और तीर्थ स्थान सभी सरकारी नियंत्रण से मुक्त होने चाहिए।

बजरंग बागड़ा ने मंदिरों की संपत्ति के दुरुपयोग का भी मुद्दा उठाया। कहा कि इसके अंतर्गत कई अन्य मुद्दे भी हैं जिनमें मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग और अतिक्रमण किया जाता है। इनका उपयोग गैर-हिंदू उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है। तिरुपति मंदिर की घटना के बाद हमारी मांग और मजबूत हो गई है कि हिंदू मंदिरों से सरकारी नियंत्रण खत्म होना चाहिए।


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