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गाजा में संघर्ष विराम के आह्वान पर अमेरिकी वीटो

अमेरिका ने गाजा में मानवीय आधार पर तत्काल संघर्ष विराम के आह्वान वाले अरब प्रस्ताव पर एक बार फिर वीटो लगाया दिया है

गाजा में संघर्ष विराम के आह्वान पर अमेरिकी वीटो
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संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका ने गाजा में मानवीय आधार पर तत्काल संघर्ष विराम के आह्वान वाले अरब प्रस्ताव पर एक बार फिर वीटो लगाया दिया है।
यह जानकारी डॉन समाचारपत्र ने बुधवार को दी।

अल्जीरिया और अरब देशों के एक समूह ने मंगलवार को संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश किया जिसके पक्ष में 13 वोट पड़े, ब्रिटेन अनुपस्थित रहा और अमेरिका ने वीटो का उपयोग किया।

अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने वीटो को सही ठहराते हुए कहा, “कभी-कभी कठिन कूटनीति में आम समय की तुलना में ज्यादा समय लगता है। यह परिषद जो भी कार्रवाई करती है, उससे मदद मिलनी चाहिए और चल रही संवेदनशील वार्ताओं में बाधा नहीं डालनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका एक वैकल्पिक मसौदा प्रस्ताव पेश कर रहा है, जिसमें बंधक समझौते और स्थायी शांति की खोज के लिए वाशिंगटन की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया है।

उन्होंने कहा कि “हम एक निर्णायक और महत्वपूर्ण दौर में हैं। आइए हम इसे सही समय पर सही तरीके से करने के लिए प्रतिबद्ध हों। यही कारण है कि अमेरिका एक अलग प्रस्ताव पेश कर रहा है जो सभी बंधकों को रिहा करने के फार्मूले के आधार पर एक अस्थायी युद्धविराम की दिशा में काम करेगा और यह हमास की भी निंदा करेगा।”

प्रस्ताव पेश करने वाले अल्जीरियाई राजदूत अमर बेंजामिन ने सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता पर निराशा व्यक्त करते हुए घोषणा किया कि कोई भी बहाना सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता को तर्कसंगत नहीं बना सकता है, और गाजा में चल रहे नरसंहार को रोकने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।

श्री बेंजामिन ने चेतावनी देते हुए कहा, “हम तेजी से एक महत्वपूर्ण मोड़ की ओर बढ़ रहे हैं जहां हिंसा को रोकने का आह्वान अपना महत्व खो देगा। आज, हर फिलिस्तीनी मौत, विनाश और नरसंहार की अवस्था में फंसा हुआ है।”

रूसी राजदूत वासिली नेबेंज़्या ने अमेरिका की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसने इजरायल को मारने का लाइसेंस प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने मसौदा प्रस्ताव पर वीटो लगाकर चल रही वार्ता को बाधित किया है और सुरक्षा परिषद के सदस्यों से वाशिंगटन की अराजकता का मुकाबला करने का आग्रह किया। उन्होंने बल देकर कहा कि जनमत अब सुरक्षा परिषद को निष्क्रियता के लिए माफ नहीं करेगा।

चीनी राजदूत झांग जून ने अमेरिकी वीटो की आलोचना करते हुए कहा कि इससे गलत संदेश गया है, जिससे गाजा में संकट और बढ़ गया है। उन्होंने परिषद से हिंसा रोकने के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया और इसे परिषद की कानूनी जिम्मेदारी बताया।

श्री झांग ने कहा, “परिषद को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बरकरार रखनी चाहिए और संघर्षविराम की मांग करनी चाहिए जो उसकी कानूनी जिम्मेदारी है। परिषद को वीटो के कारण अपना काम बंद नहीं करना चाहिए।”

फ्रांसीसी राजदूत निकोलस डी रिविएर ने जमीन पर भयावह स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव की विफलता पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने नागरिकों की रक्षा और गाजा में असहनीय मानव क्षति और मानवीय स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल संघर्ष विराम की आवश्यकता पर बल दिया।

ब्रिटेन के राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने फिलिस्तीनियों के सामने विनाशकारी मानवीय संकट पर बल देते हुए लड़ाई का तत्काल निलंबन रने का आह्वान किया, जिससे एक स्थायी युद्धविराम हो सके।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत ने अल्जीरिया के प्रस्ताव को स्वीकार करने में परिषद की असफलता की निंदा की।उन्होंने कहा कि गाजा में मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान करने वाले अल्जीरियाई प्रस्ताव पर वीटो, सुरक्षा परिषद के पक्षाघात का एक दुखद प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि वीटो ने यूएनएससी में नए स्थायी सदस्यों को जोड़ने के लिए पाकिस्तान और उसके समान विचारधारा वाले देशों के विरोध को भी मान्य किया है।

संयुक्त राष्ट्र में अरब समूह ने एक संयुक्त बयान में सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता की निंदा की। उन्होंने कहा ,“इस पूरी प्रक्रिया में, हमने समानांतर ट्रैक की बात सुनी है; हालांकि, आईसीजे के आदेशों के लगभग एक महीने बाद भी गाजा की स्थिति में सुधार के लिए आशा की किरण दिखाई नहीं दे रही है।”


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