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अमेरिका में 10 साल बाद आया पोलियो का मामला

अमेरिका में करीब 10 साल बाद पोलियो का एक मामला सामने आया है.

अमेरिका में 10 साल बाद आया पोलियो का मामला
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न्यूयॉर्क के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मैनहैटन से करीब 48 किलोमीटर दूर रॉकलैंड काउंटी में एक व्यक्ति पोलियो से संक्रमित पाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि यह मामला "पोलियो का ओरल टीका ले चुके एक व्यक्ति से संक्रमण की चेन का मामला लग रहा है."

अमेरिका में ओरल टीका 2000 में ही बंद कर दी गई थी. विभाग ने आगे कहा, "यह इस बात का संकेत है कि वायरस अमेरिका से बाहर किसी जगह से आया होगा जहां यह टीका दिया जाता है, क्योंकि निष्क्रिय किए हुए टीकों से वायरस की पुरानी नस्लें नहीं निकल सकती हैं."

स्वास्थ्य संस्था सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक देश में आखिरी बार पोलियो का कोई मामला 2013 में सामने आया था. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उस इलाके के स्वास्थ्य कर्मियों से कहा है कि वे इस तलाश में लग जाएं कि कहीं वहां और मामले तो नहीं हैं.

कभी घातक थी बीमारी

अधिकारियों ने उस इलाके में रहने वालों को भी कहा है कि वहां अगर कोई ऐसा है जिसने टीका नहीं लिया है तो वो ले ले. पोलियो अशक्त कर देने वाली एक ऐसी बीमारी है जो जानलेवा भी साबित हो सकती है. यह मुख्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है.

1998 तक पोलियो 125 देशों में एंडेमिक था. उस साल पूरी दुनिया में इसके 3,50,000 मामले सामने आए. हाल के दशकों में इसे जड़ से मिटाने के लिए एक बड़ी वैश्विक कोशिश की गई है जो काफी सफल भी हुई है. पूरी दुनिया में पोलियो के मामले अब 99 प्रतिशत घट चुके हैं.

अमेरिका में वैक्सीन के विकसित किए जाने के बाद 1950 और 1960 के दशकों में पोलियो के मामलों में नाटकीय गिरावट आई. देश में आखिरी बार प्राकृतिक रूप से होने वाले पोलियो संक्रमण के मामले 1979 में सामने आए थे.

ओरल टीका का निष्क्रिय वायरस अंतड़ियों में फैलता है और मल से संक्रमित पानी के जरिए दूसरों को संक्रमित कर सकता है. इससे टीका ले चुके बच्चे को तो संक्रमण नहीं होगा लेकिन कम सफाई और कम टीकाकरण वाले इलाकों में दूसरे लोगों को हो सकता है.

प्राकृतिक रूप से फैलने वाला पोलियो वायरस अब सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान में मौजूद है. यह वाली नस्ल उस वायरस से कमजोर है लेकिन जिन बच्चों ने टीका ना लिया उनमें इसकी वजह से गंभीर बीमारी और लकवा भी हो सकता है.

पिछले महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन और ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया था कि वैक्सीन से निकला एक तरह का पोलियो वायरस लंदन में सीवेज के सैंपलों में मिला है.


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