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हमलों के बीच अमेरिका, ईरान का जुबानी जंग तेज

ईरान समथित हिजबुल्ला विद्रोही अमेरिकी सैनिकों को निशना बनाते हुय लगातार हमले कर रहे है।

हमलों के बीच अमेरिका, ईरान का जुबानी जंग तेज
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तेहरान/वाशिंगटन । इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिका की ओर से किये गये हवाई हमले में ईरानी कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी तथा उसके कई सहयोगियों के मारे जाने के बाद सोमवार को दोनों देशों के बीच जुबानी जंग और तेज हो गयी और पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया।

ईरान समथित हिजबुल्ला विद्रोही अमेरिकी सैनिकों को निशना बनाते हुय लगातार हमले कर रहे है। बगदाद के ग्रीन जोन में स्थित अमेरिकी दूतावास और प्रमुख सरकारी कार्यालयों पर रविवार की शाम चार मोर्टार दागे गए।

एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना में ग्रीन जोन में स्थित अमेरिकी दूतावास और इराक के सरकारी कार्यालय पर चार मोर्टार दागे गये। सूत्रोे के अनुसार एक मोटार्र अमेरिकी दूतावास के पास टाइग्रिस नदी के तट पर गिरा।

शनिवार की शिया हिजबुल्ला विद्रोही नेता अबु अली अल असकरी ने इराकी सुरक्षाबलों को अमेरिकी ठिकानों से हटने की चेतावनी दी थी। इसके बाद ही यह घटना घटी।

इस हमले से दो दिन पहले शुक्रवार को अमेरिकी के बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर जनरल सुलेमानी के अलावा ईरान समर्थित संगठन शिया पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स के उप प्रमुख अबु महदी अल-मुहांदिस समेत कई लोग मारे गये थे।

इन हमलों के कारण इन देशों में रह रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कई देशों को चिंता होने लगी है।

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका को चेतावनी देते हुये कहा कि ईरान इस क्षेत्र में तनाव नहीं चाहता है लेकिन अमेरिका क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ने के लिये गलत कार्य कर रहा है और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। श्री रूहानी ने कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि अमेरिका ने एक नया तरीका अपनाया है जो इस क्षेत्र के लिए बहुत ही खतरनाक है।

इस तनाव के बीच ईरान ने कहा है कि जबतक तेहरान से प्रतिबंध पूरीतरह हटा नहीं लिये जाते तबतक वह अमेरिका के साथ हुए परमाणु समझौते का पालन नहीं करेगा।

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मोसावी ने रविवार को कहा कि अमेरिका के साथ हमारे सहयोग और परमाणु समझौते पर चर्चा के बारे में रुख अभी वही हैं। उन्होंने कहा कि परमाणु समझौते पर बातचीत शुरू करने की प्राथमिक शर्त अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए प्रतिबंध हटाने की ही है।

उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ईरान किसी भी अमेरिकी नागरिक या अमेरिकी संपत्ति पर हमला करता है तो उस पर बहुत जल्द और बहुत बड़ा हमला किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि अमेरिका ने 52 ईरानी साइटों को चिन्हित कर रखा है जो कि सांस्कृतिक तौर पर उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि मुझे बताने की जरुरत नहीं है कि ईरान के सेना कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलोमानी ने अपने जीवन अपने में कितने लोगों को मारा है और हाल ही में ईरान में मारे गए प्रदर्शनकारी शामिल था और अमेरिकी राजदूत पर हमला किया था तथा अन्य जगहों पर हमला करने की भी योजना बना रहा था।

इस बीच रविवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक संयुक्त बयान जारी कर इराक में अमेरिका के गठबंधन वाले सैन्य संगठन पर हमले की निंदा की है और कहा है कि वे सभी सुलेमानी की क्षेत्र में भूमिका को लेकर चिंतित हैं।

जर्मन मंत्रिमंडल द्वारा जारी बयान में कहा गया,“हम इराक में गठबंधन सेनाओं के खिलाफ हमले की निंदा करते है और सुलेमानी के ईरान क्षेत्र में भूमिका से बेहद चिंतित है।” तीनों नेताओं ने इस क्षेत्र में तनाव को कम करने का भी आह्वान किया।

उधर इस मामले में बगदाद में अमेरिकी हमले में सुलेमानी और मुहांदिस समेत कई लोगों के मारे जाने की घटना को लेकर इराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वाशिंगटन के विरूद्ध आधिकारिक शिकायत दर्ज करायी है। इराक की संसदीय समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार से अमेरिका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संगठनों में शिकायत दर्ज कराने का अनुरोध किया था जिसके बाद इराक ने यह कदम उठाया गया है।

ईरान के हैकरों के समूह ‘ईरान साइबर सिक्योरिटी ग्रुप’ ने अमेरिका में फेडरल डिपॉजिटरी लाइब्रेरी प्रोग्राम की ओर से संचालित एक सरकारी वेबसाइट में कथित रूप से सेंध लगायी है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक ईरानी हैकरों ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी सरकार की वेबसाइट पर हमला ईरान की साइबर क्षमता का ‘छोटा हिस्सा’ भर है। आउटलेट ने वेबसाइट पर नजर आ रहा एक बैनर भी प्रकाशित किया जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चेहरे पर मारते हुए दिखाया जा रहा है और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमनेई की तस्वीर है।

बैनर पर लिखा हुआ है, “हम इस क्षेत्र में अपने दोस्तों का समर्थन करना बंद नहीं करेंगे। फिलिस्तीन के दबे-कुचले लोग, यमन के दमित लोग, सीरिया के लोग और वहां की सरकार, इराक की जनता और सरकार, बहरीन के दबे-कुचले लोग तथा लेबनान और फिलीस्तीन के सच्चे मुजाहिदीनों को हम हमेशा समर्थन देते रहेंगे।”

अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने कहा है कि वह ईरान से किसी भी संभावित खतरे की निगरानी कर रहा है। विभाग के राष्ट्रीय आतंकवाद परामर्श प्रणाली बुलेटिन ने कहा कि ईरान महत्वपूर्ण अमेरिकी बुनियादी ढाँचे के पर हानिकारक प्रभावों वाले साइबर हमले करने में सक्षम है।

ब्रिटेन ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के मद्देनजर ब्रिटेन के जहाजों और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दो युद्धपोतों को हरमूज जलडमरूमध्य में भेजने का निर्णय लिया है।

इसबीच ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने कहा है कि मैंने एचएमएस मोंट्रोस और एचएमएस डिफेंडर को हरमूज जलडमरूमध्य में रेड एनसाइन शिपिंग के साथ तैनाती का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस समय हमारे जहाजों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी।


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