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अमेरिका ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अलग होने को दिया नोटिस

अमेरिका ने पेरिस समझौते से अलग होने के लिए औपचारिक रूप से नोटिस दिया

अमेरिका ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते से अलग होने को दिया नोटिस
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संयुक्त राष्ट्र। अमेरिका ने पेरिस समझौते से अलग होने के लिए औपचारिक रूप से नोटिस दिया है, जिसे जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए तैयार किया गया था।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार को घोषणा की कि अमेरिका ने जलवायु समझौते में वाशिंगटन की भागीदारी को खत्म करने की सालभर की प्रक्रिया शुरू करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को अधिसूचना भेजी है।

चीन के बाद अमेरिका कार्बन डाईऑक्साइड गैस का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है जो ग्लोबल वार्मिग के लिए जिम्मेदार है। लेकिन प्रति व्यक्ति के आधार पर अमेरिकी दुनिया के सबसे बड़े प्रदूषक हैं और प्रत्येक 15.3 टन गैस उत्सर्जित किए जाने के जिम्मेदार हैं।

पोम्पियो ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने पेरिस समझौते से हटने का निर्णय अमेरिका द्वारा समझौते में किए गए करार में अमेरिका के श्रमिकों, व्यवसायों और करदाताओं पर थोपे गए अनुचित आर्थिक बोझ के कारण किया।"

सोमवार को पेरिस समझौते की तीसरी वर्षगांठ थी, जिसे आवश्यक संख्या में देशों की मंजूरी के बाद लागू किया गया था।

गौरतलब है कि औपचारिक नोटिस देने के एक साल बाद 4 नवंबर, 2020 को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के एक दिन बाद आधिकारिक रूप से करार से अमेरिका अलग हो जाएगा।

पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर, जिन्हें उनकी जलवायु संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, ने कहा कि समझौते पर लौटने का निर्णय 'अंतत: मतदाताओं के हाथों में है' क्योंकि वे एक ऐसे एक राष्ट्रपति का चुनाव कर सकते हैं, जो अगले साल इसका समर्थन करे।

उन्होंने कहा कि समझौते से फिर से जुड़ने के लिए नए राष्ट्रपति को महज 30 दिन लगेंगे।


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