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अमेरिकी दूतावास छात्रों के लिए जारी करने जा रहा 'ओपन डोर्स' रिपोर्ट

दिल्ली स्थित संयुक्त राज्य अमेरिका का दूतावास 'ओपन डोर्स' रिपोर्ट 2021 जारी करने जा रहा है

अमेरिकी दूतावास छात्रों के लिए जारी करने जा रहा ओपन डोर्स रिपोर्ट
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नई दिल्ली। दिल्ली स्थित संयुक्त राज्य अमेरिका का दूतावास 'ओपन डोर्स' रिपोर्ट 2021 जारी करने जा रहा है। सोमवार, 15 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सप्ताह के अवसर पर अमेरिका का दिल्ली स्थित मिशन इंडिया, 2021 के लिए यह ओपन डोर्स रिपोर्ट जारी करेगा। ओपन डोर्स, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और संयुक्त राज्य अमेरिका में उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययन या अध्यापन करने वाले विद्वानों और विदेशों में अध्ययन करने वाले यूएस छात्रों पर उनके घरेलू कॉलेजों या विश्वविद्यालयों में अकादमिक क्रेडिट के लिए एक व्यापक सूचना संसाधन है।

युनाइटेड स्टेट्स में अंतर्राष्ट्रीय विनिमय गतिविधि का यह सर्वेक्षण यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट द्वारा प्रायोजित है।

इस मौके पर डॉन हेफ्लिन, कांसुलर मामलों के मंत्री परामर्शदाता, अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली एंथनी मिरांडा, सांस्कृतिक और शैक्षिक मामलों के परामर्शदाता, सार्वजनिक कूटनीति से जुड़े अधिकारी अमेरिकी दूतावास नई दिल्ली में उपस्थित होंगे।

वहीं भारत सरकार का केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय शिक्षा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका की भागीदारी के लिए एक नया मार्ग खोल रहा है। इसके जरिए भारत और अमेरिका एक दूसरे के साथ रिसर्च के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। दोनों देशों के बीच छात्रों और शिक्षकों की दोतरफा गतिशीलता तय की जाएगी। साथ ही दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थान आपस में साझेदारी करेंगे।

भारत और अमेरिका के बीच यह साझेदारी विशेष रूप से उद्योग केंद्रित शिक्षा और दोनों देशों की उच्च शिक्षा को आपस में जोड़ने के लिए है। भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों द्वारा सुगम 'भारत-अमेरिका शिक्षा भागीदारी को आगे बढ़ाने' पर बीते सप्ताह एक गोलमेज सम्मेलन किया गया है।

इस गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की। भारत और अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के प्रधानाचार्य और कुलाधिपति भी इस दौरान मौजूद रहे।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत और अमेरिका शिक्षा क्षेत्र में मजबूत संबंध साझा करते हैं। विशेष रूप से हमारे देशों के उद्योग, शिक्षा जगत और नीति निर्माताओं को आपस में जोड़ने में इस सहयोग को और गहरा करने और ज्ञान आधारित भागीदारी का निर्माण करने की अपार संभावनाएं हैं।


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