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मणिपुर की घटना को अमेरिका ने बताया -क्रूर और भयानक

भारत के मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना पर दुनियाभर में प्रतिक्रिया हो रही है.

मणिपुर की घटना को अमेरिका ने बताया -क्रूर और भयानक
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अमेरिका ने कहा है कि वायरल वीडियो के जरिये दुनियाभर में पहुंची दो मणिपुरी महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार की घटना पर वह "बेहद चिंतित” है. सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके एक वीडियो में देखा गया कि कई पुरुषों की एक भीड़ दो महिलाएं को निर्वस्त्र अवस्था में कहीं धकेलती हुई ले जा रही है. भीड़ में से कुछ युवक बीच-बीच में उन महिलाओं का यौन उत्पीड़न भी करते हुए नजर आ रहे हैं.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बाद में इन महिलाओं का सामूहिक बलात्कार किया गया. डीडब्ल्यू ने इस मामले में पुलिस को दी गई शिकायत की एक प्रति देखी है. शिकायत चार मई, 2023 की है और कांगपोक्पी जिले के गांव 'बी फैनोम' के मुखिया ने इसे लिखा है. इस मामले में पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां की हैं.

यूरोपीय संसद का प्रस्ताव "अस्वीकार्य"

इस घटना पर सवाल पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना "भयानक और क्रूर” है. उन्होंने पीड़ितों के प्रति संवेदनाएं भी जाहिर कीं. प्रवक्ता ने कहा कि मणिपुर में जारी विवाद का सबको साथ लेकर शांतिपूर्ण हल निकालने की कोशिश होनी चाहिए. उन्होंने भारत सरकार से भी अपील की कि सभी लोगों, घरों और पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.

दुनियाभर में प्रतिक्रिया

यह घटना मई महीने की है, जिसमें 19 और 21 वर्ष की दो युवतियों के साथ भीड़ ने दुर्व्यवहार किया, उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया और फिर कथित तौर पर बलात्कार किया. ये दोनों युवतियां कुकी समुदाय की हैं, जो इस वक्त मैतेई समुदाय के साथ विवाद में है. एक पीड़ित युवती की मां ने बीबीसी को बताया कि उनकी बेटी को उनके घर के सामने से उठा लिया गया और फिर घायल अवस्था में उनके घर के सामने फेंक दिया गया.

बीबीसी ने उस महिला के हवाले से लिखा है, "हमलावरों ने दमकी दी थी कि हम अगर इस बारे बोले तो वे मेरी बेटी को मार देंगे.” हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद घटना पर ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा है जिसके बाद पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है.

मणिपुर की हिंसा रोकने में महिलाएं निभा सकती हैं कारगर भूमिका

इस घटना पर ऑस्ट्रेलिया के सार्वजनिक समाचार संस्थान एबीसी ने बीते शुक्रवार को खबर छापी थी, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की थी. एबीसी ने लिखा, "नरेंद्र मोदी ने उनकी हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा प्रशासित राज्य में जारी विवाद पर अब तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की थी लेकिन वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद उन्होंने बयान दिया.”

प्रधानमंत्री पर सवाल

भारत में इस बात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खासी आलोचना हुई है कि वह मणिपुर के विवाद पर चुप रहे हैं. घटना के 79 दिन बाद नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते पहली बार इस मुद्दे पर कुछ बोला था. उन्होंने कहा, "मणिपुर की घटना से मेरा हृदय पीड़ा से भरा है. किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं, वो अपनी जगह है लेकिन बेज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. मैं मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वे अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था मजबूत करें.”

ब्रिटिश अखबार गार्डियन ने मणिपुर में जारी हिंसा पर विस्तृत रिपोर्ट में लिखा है कि मणिपुर की यात्रा ना करने को लेकर नरेंद्र मोदी की आलोचना हो रही है. रिपोर्ट कहती है, "हिंसा लगातार बढ़ने के बावजूद केंद्र की बीजेपी सरकार ने चुप्पी साधे रखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महीनों लंबी सार्वजनिक चुप्पी और मणिपुर का दौरा करने से बचने के लिए आलोचना हो रही है.”

हालांकि केंद्र सरकार ने राज्य में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती को और पुख्ता करने का फैसला लिया है.


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