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डीएमके सांसद अब्दुल्ला के बयान पर राज्यसभा में हंगामा

सोमवार को राज्यसभा में डीएमके सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला के एक बयान के कारण पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंक झोंक हुई

डीएमके सांसद अब्दुल्ला के बयान पर राज्यसभा में हंगामा
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नई दिल्ली। सोमवार को राज्यसभा में डीएमके सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला के एक बयान के कारण पक्ष-विपक्ष में तीखी नोंक झोंक हुई।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक पर बोलते हुए डीएमके सांसद अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करना गैर-संवैधानिक और संघवाद पर चोट थी। इसके साथ ही उन्होंने पेरियार के भी कुछ शब्दों का उल्लेख किया। अब्दुल्ला के इस बयान पर सदन में हंगामा हो गया।

नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और गृह मंत्री अमित शाह भी इस बहस का हिस्सा बन गये। कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा डीएमके सांसद की बात से आप या हम सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें बोलने ही न दिया जाए। खडगे ने कहा कि सांसद की कोई बात यदि नियम कानून के मुताबिक नहीं है तो उन शब्दों को कार्रवाई से निकाल सकते हैं। लेकिन सत्ता पक्ष के लोग उठे और गड़बड़ करें तो यह असंवैधानिक है।

खड़गे ने सामने बैठे गृहमंत्री अमित शाह के लिए कहां राज्यसभा में सदस्य जो बात रख रहे हैं उन्हें रखना दीजिये। आखिर जवाब देने के लिए चाणक्य हैं न। उन्होंने कहा, "यहां गृह मंत्री बैठे हैं। मुझे लगता है कि वह सभी बातों का जवाब देने में सक्षम हैं।"

इसके बाद अमित शाह ने समूची कांग्रेस पार्टी और खडगे को कठघरे में खड़ा किया। अमित शाह ने कहा कि खडगे जी बताएं कि कांग्रेस पार्टी डीएमके सांसद अब्दुल्ला बयान से सहमत है क्या। गृहमंत्री ने कांग्रेस से पूछा क्या आप लोग इस बयान का समर्थन कर रहे हैं। यह साफ होना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी अब्दुल्ला के बयान से सहमत हैं क्या। अमित शाह ने कहा कि सवाल बड़ा साफ है विपक्ष के नेता को अपना रुख साफ कर देना चाहिए।

कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस अब्दुल्ला के बयान से सहमत नहीं है। दरअसल अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने का फैसला गलत था। इसके साथ ही उन्होंने परियार की कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया जिन्हें आपत्तिजनक मानते हुए सदन की कार्रवाई से निकाल दिया गया।

अब्दुल्ला की बातों पर नेता सदन व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। गोयल ने कहा कि अब्दुल्ला अनुचित बात कह रहे हैं साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी गलत बता रहे हैं। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने डीएमके सांसद अब्दुल्ला से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बोलना सही नहीं है।

पीयूष गोयल ने विपक्षी गठबंधन को घमंडियां कहा। इस पर विपक्ष के कई सांसद भड़क गए उनका कहना था कि सत्ता पक्ष विपक्षी सांसदों को अपनी बात रखने नहीं देता है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश और वेणुगोपाल ने कहा कि सदन में सभी को बोलने का अधिकार है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला दिया है तो सांसदों को भी अपनी बात कहने का हक है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना का अधिकार है।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सभापति से कहा कि आप जिस आसन पर हैं वहां आप न पक्ष के हैं न विपक्ष के। आप रेफरी की तरह निष्पक्ष हैं। उन्होंने कहा कि आप किसी भी और से गोल मारने के लिए नहीं हैं। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि चर्चा के दौरान यदि कोई भी सांसद अपने विचार प्रकट करता है तो वह उसका अधिकार है।

दिग्विजय सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह से कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि आपको हर बात में हमारी सहमति चाहिए क्या। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पूरा सदन सहमत हो जाएगा तो लोकतंत्र कहां रह जाएगा।


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