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उप्र: बिजली उपकेंद्र में 24 घंटे से धरने पर किसान

भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष सूर्यपाल सिंह चौहान ने कहा, अब किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं, अगर दोपहर तक समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो किसान सड़क मार्ग जाम कर हिंसक आंदोलन भी कर सकते हैं 

उप्र: बिजली उपकेंद्र में 24 घंटे से धरने पर किसान
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बांदा। बांदा जिले के पैलानी तहसील क्षेत्र के करीब 500 किसान बिजली की समस्या के निस्तारण की मांग को लेकर जसपुरा के बिजली उपकेंद्र में पिछले 24 घंटे से बेमियादी धरने पर बैठे हैं।

जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी के अवकाश पर होने से अब तक कोई भी अफसर धरनास्थल नहीं गया। जसपुरा-पैलानी क्षेत्र में महज चार घंटे बिजली की उपलब्धता और उसमें भी लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे एक दर्जन गांवों के करीब पांच सौ किसान जिलाधिकारी की वादाखिलाफी से नाराज होकर रविवार की सुबह दस बजे से जसपुरा बिजली उपकेंद्र (सब पावर हाउस) में बेमियादी धरना पर बैठे हैं। रविवार दोपहर तक जब कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंचा, तब किसानों ने उपकेंद्र में ताला जड़ दिया था।

हालांकि, देर शाम कुछ विद्युत कर्मचारियों के अनुरोध पर ताला खोल दिया गया, लेकिन रात भर धरना जारी रहा।

अमारा गांव के युवा किसान उदयवीर सिंह ने बताया, "उसने करीब दस लाख रुपये खर्च कर निजी नलकूप लगवाया है, जिसका लो वोल्टेज की वजह से दो बार मोटर फूंक चुका है।

बिजली 20 घंटे के बजाय सिर्फ चार घंटे उपलब्ध रहती है, उसमें भी लो वोल्टेज से पानी नहीं उठ पाता। बिजली की किल्लत से आस-पास के एक दर्जन गांवों के किसानों के हजारों बीघा खेतों में पलेवा नहीं हो पा रहा है, जिससे रबी के फसल की बुआई पिछड़ गई है।"

उसने बताया कि सभी किसानों ने छह नवंबर को जिलाधिकारी से मिलकर इसके निस्तारण की मांग की थी, लेकिन वह वादाखिलाफी कर लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। उपजिलाधिकारी पैलानी भी छुट्टी पर हैं और विद्युत विभाग के अधिकारी अनसुना कर रहे हैं।

उपजिलाधिकारी राकेश कुमार ने कहा, "अभी तक मैं छुट्टी पर था, दोपहर तक किसानों के धरनास्थल पहुंच रहा हूं। दूसरे विद्युत फीडर से बिजली सप्लाई करवा कर जल्द किसानों की समस्या का निदान किया जाएगा।"


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