उप्र : नदी में छह किलोमीटर तक बही महिला को जीवित बाहर निकाला गया
'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' वाली कहावत उस समय सही साबित हुई, जब उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के चिल्ला थाना क्षेत्र के गुगौली गांव की एक बुजुर्ग महिला बुधवार को यमुना नदी में नहाते समय बह गई

बांदा। 'जाको राखे साइयां, मार सके न कोय' वाली कहावत उस समय सही साबित हुई, जब उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के चिल्ला थाना क्षेत्र के गुगौली गांव की एक बुजुर्ग महिला बुधवार को यमुना नदी में नहाते समय बह गई और उसे छह किलोमीटर दूर फतेहपुर जिले में एक ग्रामीण ने पानी से जीवित बाहर निकाल लिया। चिल्ला थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने आज बताया, "गुगौली गांव की बुजुर्ग महिला कलावती (75) बुधवार को यमुना नदी में नहाने गई थीं, जहां पैर फिसल जाने से पानी के तेज बहाव में वह बह गई। गोताखोर और पुलिस करीब छह घंटे तक पानी में जाल डालकर उनकी तलाश करते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला।"
उन्होंने आगे कहा, "बाद में घटनास्थल से करीब छह किलोमीटर दूर फतेहपुर जिले के ललौली थाने के कोर्रा कनक गांव के मजरा हड़ाही डेरा के पास ग्रामीण बसंत सिंह ने महिला को देखा, उसने उसे पानी से बेहोशी हालत में बाहर निकाला और बाद में होश आने पर उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया।"
सिंह ने कहा, "आमतौर पर पानी में डूबे या बहे व्यक्ति के अंदर पानी चला जाता है, लेकिन महिला के पेट में एक बूंद भी पानी नहीं था। वह घबराहट में सिर्फ बेहोश हुई थी।"
उन्होंने आगे कहा, "शायद इसी को कहते हैं, जाको राखे साइयां, मार सके न कोय।"


