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उप्र : जानकारी के अभाव में पूरा नहीं होता पौधरोपण का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के वन विभाग में प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी ने शनिवार को बांदा जिले के कालिंजर किले में आयोजित पौधरोपण मेला में कहा कि वर्षो से हर विभाग को पौधरोपण का लक्ष्य दिया जाता है

उप्र : जानकारी के अभाव में पूरा नहीं होता पौधरोपण का लक्ष्य
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बांदा। उत्तर प्रदेश के वन विभाग में प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी ने शनिवार को बांदा जिले के कालिंजर किले में आयोजित पौधरोपण मेला में कहा कि वर्षो से हर विभाग को पौधरोपण का लक्ष्य दिया जाता है, लेकिन जानकारी के अभाव में पूरा नहीं हो पाता। सूखे जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए किसान पौधरोपण करें और इसे जनांदोलन बनाएं। कल्पना ने कालिंजर किले में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित 'कालिंजर वृक्षारोपण मेला' में कहा कि सूचना के अभाव में लोग यह नहीं जान पाते कि कौन सा पौधा कब और किस किस्म की भूमि में रोपित करना है। वर्षों से साल हर विभाग को पौधरोपण कराने और उन्हें संरक्षित करने का लक्ष्य दिया जाता है, लेकिन जानकारी के अभाव में पूरा नहीं हो पाता।

उन्होंने कहा कि वृक्षों की कमी से सूखा जैसी आपदा होती है, इसलिए यहां के किसान सूखा जैसी आपदा से निपटने और पर्यावरण के शुद्धिकरण के लिए वृक्ष लगाकर उन्हें संरक्षित करें और वृक्षारोपण को एक जनांदोलन बनाएं।

प्रमुख सचिव ने कहा कि वन विभाग ने एक पुस्तिका प्रकाशित की है, जिसमें पौधरोपण के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि 9 अगस्त को एक विशेष कार्यक्रम के तहत सूबे में एक साथ 22 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

बांदा जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस वृक्षारोपण मेले में जिलाधिकारी हीरालाल, पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा और जिलास्तरीय कई अधिकारियों ने भी पौधरोपण किया।

जिलाधिकारी ने हालांकि दो दिन पूर्व एक साथ 15 हजार पौधे रोपित कर 'गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड' में दर्ज कराने का लक्ष्य रखने का दावा किया था, लेकिन कार्यक्रम में मौजूद एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि प्रमुख सचिव, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने सिर्फ एक-एक पीपल का पौध रोपित किया है, बाकी सब हवा-हवाई रहा।


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