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उप्र : अनशनकारियों ने बुंदेली भाषा में खून से लिखे खत

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हजारों राखियां और लाखों खत भेजने के अलावा हम पांच बार उनको अपने खून से खत लिख चुके हैं

उप्र : अनशनकारियों ने बुंदेली भाषा में खून से लिखे खत
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महोबा (उत्तर प्रदेश)। अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर पिछले 600 दिनों से अनशन पर बैठे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने सोमवार को अपने आठ सहयोगियों के साथ प्रदेश के मुख्य सचिव और केंद्रीय गृहमंत्री निजी सचिव को बुंदेली भाषा में खून से खत लिखे। इसके साथ ही अधिकारियों से जिला अस्पताल के मानक तत्काल पूरे करवाने की अपील भी की गई।

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हजारों राखियां और लाखों खत भेजने के अलावा हम पांच बार उनको अपने खून से खत लिख चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी जब यहां की मरणासन्न स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं हुआ तो सोमवार को महोबा निवासी और प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और गृहमंत्री अमित शाह के निजी सचिव डॉ. राकेश मिश्र को खून से खत लिखे हैं। आज हमने उनके अलावा प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, महोबा हमीरपुर के सांसद व दोनों विधायकों को भी खून से खत लिखे हैं।"

उन्होंने कहा, "खून से खत लिखने वालों में मेरे अलावा डॉ. अजय बरसैया, अरुण चतुर्वेदी, सुरेश बुंदेलखंडी, हरीओम निषाद, बद्रीप्रसाद, कल्लू चौरसिया, ज्ञासी लाल कोस्टा, जसवंत सिंह सेंगर व हरिश्चन्द्र राजपूत शामिल हैं।"


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