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उप्र : अर्धनग्न होकर सड़क पर उतरे ग्रामीण डाक सेवक

जीडीएस कमेटी की रिपोर्ट लागू करने के संबंध में एक सूत्री मांग को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों ने मंगलवार को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया

उप्र : अर्धनग्न होकर सड़क पर उतरे ग्रामीण डाक सेवक
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मुरादाबाद। जीडीएस कमेटी की रिपोर्ट लागू करने के संबंध में एक सूत्री मांग को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों ने मंगलवार को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित डाक सेवकों ने मुख्य डाकघर के सामने से जुलूस निकालकर मंडलायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा है।

धरना प्रदर्शन के दौरान डाक सेवक काफी आक्रोशित दिखे। उन्होंने मांग की है कि जीडीएस कमेटी की रिपोर्ट जल्द से जल्द लागू की जाए। प्रधानमंत्री को भजे पत्र में लिखा गया है कि वित्त मंत्रालय से फाइल पास होने के बाद भी विगत कई माह से बताया जा रहा है कि फाइल कैबिनेट में है।

डाक सेवकों ने पत्र में याद दिलाते हुए कहा है कि 'जिस दिन लाल किले की प्राचीर से आपने हमारे जीडीएस कैडर का नाम लेकर उसकी प्रशंसा की थी, उसी दिन से सभी जीडीएस आपके अंदर अपने अभिभावक, अपने नेता की छवि देख रहे थे, लेकिन विगत लंबे समय से इस फाइल के निस्तारण में हुए अनावश्यक विलंब के कारण जीडीएस कर्मचारियों के मन में आपके प्रति बनी आस्था पूरी तरह खतम हो गई है। इसलिए हम सभी 14 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल तब तक चलगी, जब तक आपके द्वारा इस पर उचित फैसला नहीं ले लिया जाता।'

भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के मंडलीय अध्यक्ष नरेंद्र पल सिंह ने कहा, "हड़ताल आगे भी जारी रहेगी। हमने 2014 में नरेंद्र मोदी की ताजपोशी की थी, लेकिन वह अपना वादा पूरा नहीं कर सके। वहीं विभागीय कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग से जो मिला, वह भी छीन लिया गया। आज किसान, कर्मचारी, व्यापारी एवं दो लाख 70 हजार ग्रामीण डाक सेवक आपसे नाराज हैं। हम कोई भीख नहीं मांग रहे, हम अपना अधिकार मांग रहे हैं। हमें जब तक हमारा हक नहीं मिलता, हड़ताल जारी रहेगी।"


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