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उप्र : प्रभात कुमार बने लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष पद के लिए डॉ. प्रभात कुमार के नाम पर अपनी सहमति जता दी है

उप्र : प्रभात कुमार बने लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अध्यक्ष पद के लिए डॉ. प्रभात कुमार के नाम पर अपनी सहमति जता दी है। 1985 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. प्रभात के अलावा आयोग में सदस्य (शासकीय सेवा) के लिए प्रेम कुमार सिंह का नाम अनुमोदित किया है। नियुक्ति व कार्मिक विभाग से इनका आदेश जल्द जारी हो जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों प्रभात कुमार और प्रेमकुमार का राज्यपाल को प्रस्ताव भेजा था। शुक्रवार को उन्होंने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज्यपाल की मुहर लगने के बाद डॉ. प्रभात कुमार के आयोग का अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया। अब आदेश जारी करने की औपचारिकता रह गई है।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिरुद्घ सिंह का कार्यकाल एक जुलाई तक है। अनिरुद्घ सिंह के कार्यकाल समाप्त होते ही डॉ. प्रभात कुमार कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।

भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर सालों से सुर्खियों में रहने वाले उप्र लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) के नए अध्यक्ष प्रभात कुमार बन रहे हैं। प्रभात के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की आहट से जहां भर्तियों में भ्रष्टाचार खत्म होने को लेकर प्रतियोगी छात्रों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

गौरतलब है कि यूपीपीएससी द्वारा एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च, 2017 के बीच कराई गई कई परीक्षाएं विवादों में रही हैं। नंबरों में हेर-फेर, कापियां बदलने, पेपर लीक जैसी घटनाएं सुर्खियों में रही हैं। सीबीआई कई परीक्षाओं की जांच में जुटी है। आयोग के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. अनिरुद्घ सिंह यादव सीबीआई जांच रुकवाने के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली।

यूपीपीएससी की कुछ परीक्षाएं विवादों में रही हैं। इसमें पीसीएस की 2010 से 2016 तक, अवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन की 2006, 08, 09, 13 व 14 तक, पीसीएस-जे 2011 व 13, सहायक अभियोजन अधिकारी 2010 से 16 तक, कृषि तकनीकी सहायक ग्रेड थ्री 2013, एपीएस 2010, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 सहित कई परीक्षाएं विवादों में हैं।


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