Top
Begin typing your search above and press return to search.

यूपी पुलिस को अब लोकगीतों से भी डर लगने लगा है?

यूपी पुलिस ने चर्चित लोकगायिका नेहा सिंह राठौर के एक गीत पर उन्हें नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है. ‘यूपी में का बा..’ शीर्षक वाले इस गीत में राठौर ने कानपुर में दो महिलाओं की जलकर हुई मौत पर सवाल उठाए हैं.

यूपी पुलिस को अब लोकगीतों से भी डर लगने लगा है?
X

‘बाबा के दरबार बा, ढहत घर-बार बा

माई-बेटी के आग में झोंकत यूपी सरकार बा......

यूपी में का बा?

बाबा के डीएम त बड़ी रंगबाज बा

कानपुर देहात में आइल रामराज बा

बुलडोजर से रौंदत दीक्षित के घरवा आज बा

अरे एही बुलडोजरवा पे बाबा के नाज बा.

यूपी में का बा?‘

भोजपुरी भाषा में गाए गए लोकगीत की ये पंक्तियां यूपी पुलिस को इतनी नागवार गुजरीं कि उन्होंने इस गीत को गाने वाली चर्चित गायिका नेहा सिंह राठौर को नोटिस भेज दिया. यूपी में कानपुर देहात जिले की पुलिस की ओर से यह नोटिस मंगलवार देर शाम नेहा सिंह राठौर के दिल्ली स्थित आवास पर भेजा गया.

कानपुर देहात पुलिस को यह पंक्तियां इसलिए अखर रही हैं क्योंकि इस पूरे गीत में पिछले दिनों कथित तौर पर अतिक्रमण ढहाने के दौरान कृष्ण गोपाल दीक्षित की फूस की झोंपड़ी में आग लग गई जिसमें उनकी पत्नी प्रमिला दीक्षित और बेटी नेहा की जलकर मौत हो गई. यह घटना दर्जनों पुलिस वालों और प्रशासनिक कर्मचारियों की मौजूदगी में हुई. जिला प्रशासन की ओर से बयान जारी किया गया था कि आग खुद दीक्षित परिवार के लोगों ने ही लगाई लेकिन वहां मौजूद लोगों ने इस बात से साफ इनकार किया है.

यूपी में अतिक्रमण हटाने के दौरान झोंपड़ी में लगी आग, मां-बेटी की जलकर मौत

नेहा सिंह राठौर को भेजे नोटिस में कानपुर देहात पुलिस ने सात सवाल भेजे हैं जिनके जवाब तीन दिन के भीतर देने को कहा गया है. पुलिस का दावा है कि नेहा के गीत से समाज का माहौल बिगड़ रहा है.

नोटिस मिलने की जानकारी देते हुए नेहा सिंह राठौर ने डीडब्ल्यू को बताया, "सबसे पहले मेरी ससुराल पहुंच कर वहां नोटिस थमाया गया. उसके बाद मंगलवार रात आठ बजे दिल्ली आकर मुझे नोटिस दिया गया. हमारे साथ ऐसा बर्ताव किया गया जैसे हम कोई अपराधी हों. पहले हमें फोन करके बुलाया गया झूठ बोलकर. हम नहीं गए तो पुलिस वाले हमारे घर पर आए और बोले कि आपके गीत से सामाजिक वैमनस्यता फैली है, तनाव बढ़ रहा है और इसका समाज पर बुरा असर पड़ रहा है. हमें जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है.”

कानपुर देहात जिले की मैथा ब्लॉक के मड़ौली गांव में 13 फरवरी को हुई घटना के बाद बुलडोजर संस्कृति पर एक बार फिर सवाल उठने लगे. इस घटना के बाद ही नेहा सिंह राठौर ने ‘यूपी में का बा सीजन-2' शीर्षक से एक गीत गाया. 1 मिनट 9 सेकेंड के इस गीत में उन्होंने सरकार की बुलडोजर नीति को कठघरे में खड़ा किया. गीत सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ.

क्या लिखा है नोटिस में

नेहा सिंह राठौर को नोटिस भेजने के मामले में कानपुर देहात के पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रभात कुमार ने मीडिया को बताया कि थाना अकबरपुर में लिखित और मौखिक शिकायत मिली थी जिसमें कहा गया था कि एक वीडियो सोशल मीडिया पर नेहा सिंह राठौर नाम की महिला ने अपलोड किया है. उनका कहना था, "इससे समाज में वैमन्यस्ता और भेदभाव की स्थिति पैदा हुई है. इस पर संज्ञान लेते हुए अकबरपुर थाना प्रभारी ने नेहा सिंह राठौर को 160 CrPC का नोटिस भेजा है. नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे विधिक कार्रवाई की जाएगी.”

नोटिस में उनसे पूछे गए सवालों में यह भी है कि क्या वीडियो में वे स्वयं हैं, गीत उन्होंने लिखा है या किसी और ने और ‘गीत से उत्पन्न भावार्थ से समाज पर पड़ने वाले प्रभाव से आप भिज्ञ हैं अथवा नहीं?'

उत्तर प्रदेश: बुलडोजर कार्रवाई पर विपक्ष ने फिर उठाए सवाल

नोटिस के अंत में लिखा गया है कि ‘आपके इस गीत के कारण समाज में वैमनस्य तथा तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई. अतः आपसे उक्त वीडियो पर आपके द्वारा स्थिति स्पष्ट किया जाना न्यायोचित है. उक्त नोटिस की प्राप्ति के तीन दिवस के अंदर इसका स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें. यदि आपका जवाब संतोषजनक नहीं होता है तो आपके विरुद्ध आईपीसी-सीआरपीसी की सुसंगत धाराओं में न्यायोचित आवश्यक वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.'

नेहा सिंह राठौर को नोटिस मिलने की खबर सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह वायरल हो गई जैसे कानपुर देहात की घटना और उसके बाद उस घटना पर आधारित उनका यह लोकगीत. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी गीत की तर्ज पर एक पैरोडी ट्वीट की है जबकि समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, "अगर कोई लोकगायन के माध्यम से इस क्रूर, बेरहम, तानाशाह, और नकारा निकम्मी सरकार को आईना दिखाता है तो ये भाजपा शासित योगी सरकार उसे पुलिस के माध्यम से नोटिस भेजवाती है. BJP सरकार में इस प्रकार की कार्यवाही आम बात है. क्या जनता के पक्ष में बोलना और सरकार को आईना दिखाना गुनाह है?”

कौन हैं नेहा सिंह राठौर

बिहार के कैमूर जिले की रहने वाली नेहा सिंह राठौर तब चर्चा में आईं जब उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव में 'यूपी में का बा' शीर्षक से एक गीत गाया और यूपी सरकार के तमाम दावों पर सवाल उठाए. उनका गीत सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ. हालांकि उससे पहले भी उन्होंने कोरोना पर जागरूकता से संबंधित एक गाना गाया गया था और उस गाने ने भी सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. कोरोना संक्रमण के दौरान सरकारी बदइंतजामी को लेकर भी उनके कुछ गीत काफी चर्चित हुए थे. नेहा सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं और उनके लाखों फॉलोवर हैं.

नेहा राठौर के गीत ज्यादातर सामाजिक मुद्दों पर होते हैं. इससे पहले उन्होंने रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे विषयों पर कई गीत गाए हैं. साल 2018 में अपने करियर की शुरुआत करने वाली नेहा राठौर बहुत जल्दी ही दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गईं. इससे पहले भी उनके कुछ गीतों को लेकर विवाद हो चुका है जिनमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों और वहां के माहौल को लेकर गाया गया एक विवादास्पद गीत भी शामिल है. एक इंटरव्यू के दौरान नेहा राठौर ने एक बार बताया था कि अपने गीत वो खुद ही लिखती हैं और खुद ही गाती हैं.

उनका कहना है कि नोटिस का जवाब देने के लिए वो कानूनी राय ले रही हैं लेकिन इसी तेवर और इसी अंदाज में उनका गाना आगे भी जारी रहेगा. वो कहती हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है बल्कि जो सच्चाई है, वही बताई है. वो कहती हैं, "मुझे पहले भी चुप कराने की कोशिश की गई, लेकिन वो सफल नहीं हुए. तो अब ये नोटिस भेज दिया गया है. मैं गाना गाती हूं और गाती रहूंगी. सरकार भाजपा की है, तो सवाल सपा या किसी और पार्टी से तो पूछूंगी नहीं.”


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it