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उप्र : स्कूली बच्चों में निष्प्रयोज्य दवा का वितरण, जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के कई परिषदीय विद्यालयों में कृमि विनाशक निष्प्रयोज्य दवा के वितरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है

उप्र : स्कूली बच्चों में निष्प्रयोज्य दवा का वितरण, जांच के आदेश
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बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के कई परिषदीय विद्यालयों में कृमि विनाशक निष्प्रयोज्य दवा के वितरण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां सीएमओ ने एक कथित जांच रिपोर्ट का हवाला देकर निष्प्रयोज्य दवा की आपूर्ति किए जाने को नकार दिया है, वहीं अपर निदेशक (एडी) ने विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक (एडी) डॉ. राकेश रमन ने शुक्रवार को जारी जांच आदेश में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से कहा, "यह बड़ी चूक है, विद्यालयों में वितरण से पूर्व दवा की वैध अवधि की जांच की जानी चाहिए थी।" अपर निदेशक ने विस्तृत जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में तलब की है।

इसके पूर्व एक कथित जांच रिपोर्ट का हवाला देकर सीएमओ डॉ. सन्तोष कुमार ने कहा था कि "उनके विभाग द्वारा निष्प्रयोज्य एल्वेन्डाजॉल नामक कृमि नाशक दवा की आपूर्ति ही नहीं की गई तो वापस होने का सवाल ही नहीं है।" जबकि जांच दल में शामिल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जौरही के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र विश्वकर्मा ने स्वीकार किया था कि "बड़ोखर खंड के विद्यालयों में भेजी गई 29 डिब्बे यानी 5,800 गोलियां मार्च-अप्रैल 2019 में ही निष्प्रयोज्य हो गई थीं, जो वापस आ गई हैं।"

गौरतलब है कि शुक्रवार (30 अगस्त) से चार सितंबर तक यह कृमि नाशक दवा बेसिक परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के करीब सवा दो लाख बच्चों के अलावा अन्य एक साल से 19 साल के बच्चों में बांटी जानी थी। कथित तौर पर बांदा के स्वास्थ्य विभाग को ये निष्प्रयोज्य गोलियां फतेहपुर और इलाहाबाद से आपूर्ति की गई थीं।


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