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यूपी को अपनी पहचान बनाने की जरूरत : योगी

म्यांमार के दौरे से लौटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को राजधानी लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्राविधिक शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम का शुभारंभ किया

यूपी को अपनी पहचान बनाने की जरूरत : योगी
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लखनऊ। म्यांमार के दौरे से लौटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को राजधानी लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्राविधिक शिक्षा के बढ़ते कदम कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यूपी को अपनी पहचान बनाने की जरूरत है।

कार्यक्रम में 101 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जहां प्राविधिक शिक्षा के दो ब्रांड एंबेसडरों का सम्मान किया। वहीं पॉलिटेक्निक के मेधावियों को सम्मानित करते हुए सेवायोजित छात्र-छात्राओं को नियुक्ति पत्र दिया। साथ ही दीनदयाल उपाध्याय क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की और 'बेस्ट प्रैक्टिसेज पोर्टल' लांच करने के साथ-साथ 'प्राविधिक शिक्षा के बढ़ते कदम' पुस्तक का विमोचन भी किया।

योगी ने मंत्री आशुतोष टंडन और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि प्राविधिक शिक्षा के बढ़ते हुए कदमों को पहली बार नजदीक से देखने मौका मिल रहा है। यह क्षेत्र उपेक्षित पड़ा हुआ था। अब कम समय में कुछ करने का प्रयास हुआ है।

योगी ने कहा, "यूपी आजादी के समय देश के विकसित राज्यों में था। यहां के लोगों की प्रतिव्यक्ति आय अधिक थी। दूसरे प्रांतों से लेकर नेपाल तक यूपी के शिक्षक हुआ करते थे। अब हमारे यूपी की खराब तस्वीरें बाहर जाती हैं। हमें इसको बदलने की जरूरत है। तकनीक के जरिये हम यूपी की पहचान को नया रूप दे सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को अगर दुनिया में नई पहचान बनानी है तो दो बातें जरूरी हैं, टीम स्पिरिट और टेक्नोलॉजी की जरुरत होगी। इससे हम अपने युवा का पलायन होने से रोक सकते हैं और उसे रोजगार में लगा सकते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि तकनीक को हमें अपनी जरूरतों के अनुकूल बनाना होगा। जरूरी नहीं कि जो तकनीक विदेश में सफल हो, वह यहां भी हो। हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी होंगी, जिन्हें पंक्ति के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी वह सुलभ हो।

योगी ने कहा कि देश को दिशा देने वाला उत्तर प्रदेश जब बीमार हो जाएगा, तो भारत स्वस्थ कैसे हो पाएगा। उत्तर प्रदेश को अपनी पहचान बनाने की आवश्यकता है। हर व्यक्ति अविष्कारक बन सकता है, अगर वो अपनी प्रतिभा को जान जाए।

उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं, क्या संभव है इन जिलों में प्राविधिक इन्वेंशन सेंटर बने। इन जिलों में से कई तो अपने वजूद बचाने में लगे हैं। हम चाहते हैं कि 75 जिलों की पहचान अपने प्रोडक्ट से हो।"

योगी ने कहा कि तकनीक आसान भी हो और सस्ती भी, इसके लिए कार्य करना होगा। इससे ही वर्तमान की चुनौतियों का सामना हो सकता है। नई तकनीक को समाज के अनुकूल बनाना होगा।

उन्होंने कहा, "इसके हमें सभी का सहयोग चाहिए और इसके जरिये हम यूपी को बेहतर बनाएंगे। दृढ़ इच्छाशक्ति के जरिये हम यूपी को बेहतर राज्य बना सकते हैं।"

योगी ने कार्यक्रम में प्राविधिक शिक्षा के ब्रांड एंबेसडरों शशिपाल शर्मा और अशोक गुप्ता का सम्मान किया और एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। इसमें बच्चों के हाथ से बनीं कलाकृतियां तथा मॉडल आकर्षण का केंद्र बने हैं। उन्होंने प्रदर्शनी में लगाए गए मॉडलों के बारे में छात्रों से जानकारी ली।

मुख्यमंत्री योगी की मौजूदगी में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय और जापान के राइक्यूस विश्वविद्यालय के बीच एमओयू साइन किया गया। यह एमओयू आईआईटी कानपुर और एचबीटीयू- कानपुर के बीच डिजाइन इनोवेशन सेंटर की स्थापना के लिए किया गया है।

योगी ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना का शुभारंभ करने के साथ विश्वेश्वरैया रिसर्च प्रोमोशन स्किम के लाभार्थियों को संस्तुति पत्र वितरण किया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और और मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद रहे।

मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवाओं के अंदर इतनी क्षमता है कि वे अपना डंका दुनिया में बजाएंगे। आने वाले समय में प्राविधिक शिक्षा में सबको रोजगार मिलेगा।


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