Top
Begin typing your search above and press return to search.

उप्र: माले ने की तीन सीटों के लिये उम्मीदवारों की घोषणा

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा की तीन सीटों के लिये अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है

उप्र: माले ने की तीन सीटों के लिये उम्मीदवारों की घोषणा
X

लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा की तीन सीटों के लिये अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

केन्द्रीय समिति सदस्य तथा किसान महासभा के प्रांतीय महासचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा गाजीपुर से, पार्टी राज्य समिति की सदस्य जीरा भारती मिर्जापुर से और मजदूर नेता राम सिंह जालौन (सु0) सीट से चुनाव लड़ेंगे। तीनों प्रत्याशियों में एक महिला व एक दलित पृष्ठभूमि से हैं।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार को यहां बताया कि पार्टी देश भर में नौ राज्यों की 22 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। यह पिछले आम चुनावों की तुलना में माले द्वारा लड़ी जाने वाली कम सीटें हैं, पार्टी इस बार भाजपा-राजग-विरोधी मतों में बिखराव को कम-से-कम करने और वादखिलाफ़, जनविरोधी व फासीवादी मोदी सरकार की हार सुनिश्चित करना चाहती है।

राज्य सचिव ने कहा कि भाजपा के खिलाफ माले पूरे प्रदेश में स्वतंत्र व जोशीला पर्दाफाश अभियान संचालित करेगी। जिन सीटों पर माले प्रत्याशी खड़े हैं, वहां 'भाजपा हराओ-माले जिताओ' केन्द्रीय नारा होगा, जबकि अन्य सीटों पर अन्य दलों व प्रत्याशियों को समर्थन देने का फैसला बाद में किया जाएगा। इस चुनाव में माले किसी गठबंधन में शामिल नहीं है।

माले नेता ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का 20 पृष्ठों का चुनाव घोषणापत्र जारी हो चुका है। इसमें भगतसिंह व अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाने, देश को बचाने, लोकतंत्र को मजबूत बनाने और भाजपा-राजग को हराने की अपील की गई है।

पार्टी ने घोषणापत्र में मतदाताओं से जो वादे किये हैं, उनमें भ्रष्ट कारपोरेट राज का खात्मा, आर्थिक नीतियों में जनपक्षधर बदलाव, मौलिक अधिकारों की रक्षा, हर हाथ को काम, सबके लिए आवास, सार्वभौमिक स्वास्थ्य अधिकार, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, किसानों की आत्मनिर्भता, महिला-दलित-आदिवासी अधिकारों की सुरक्षा, कमजोर तबक़ों व अल्पसंख्यकों को सामाजिक न्याय, नागरिक स्वतंत्रता व प्रेस की आजादी की बहाली, साम्प्रदायिक हिंसा की रोकथाम के लिए नीति, पर्यावरण सुरक्षा, चुनाव सुधार, संघीय व्यवस्था को मजबूती और मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने वाली विदेश नीति के लिए संसद से सड़क तक संघर्ष करने की बात प्रमुखता से उठाई गई है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it