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यूपी के पत्रकारों ने मीडिया पर तबलीगी जमात के हमले की कड़ी निंदा की

तबलीगी जमात द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों को दिए गए कानूनी नोटिस को पत्रकारों और उनके संगठनों से व्यापक स्तर पर निंदा मिल रही है।

यूपी के पत्रकारों ने मीडिया पर तबलीगी जमात के हमले की कड़ी निंदा की
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लखनऊ | तबलीगी जमात द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों को दिए गए कानूनी नोटिस को पत्रकारों और उनके संगठनों से व्यापक स्तर पर निंदा मिल रही है। उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब के अध्यक्ष रवींद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि यह नोटिस प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला था।

उन्होंने कहा, "तबलीगी जमात और उसे मिलने वाली फंडिंग के स्रोतों की गतिविधियों पर गहराई से जांच करने का आदेश दिया जाना चाहिए। जमात ने गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार किया है और अब ध्यान हटाने के लिए मीडिया पर हमला कर रहा है। पहले डॉक्टरों, नर्सों, पुलिस और अब प्रेस के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की खबरें आने के बाद सरकार को इस मामले से गंभीरता से निपटना चाहिए।"

उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट गिल्ड के सचिव और उत्तर प्रदेश राज्य के मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश बहादुर सिंह ने कहा कि मीडिया संस्थानों को दिया जाने वाला नोटिस लोकतंत्र पर हमला है और तबलीगी जमात को बिना देरी किए तत्कातल इसे वापस ले लेना चाहिए।

उन्होंने कहा, "अगर तबलीगी जमात के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मोहम्मद साद जांच के लिए खुद सामने क्योंे नहीं आ रहा। मीडिया पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और अदालत को भी इसके पीछे छुपे इरादों पर ध्यान देना चाहिए। पत्रकार बिरादरी को भी साथ खड़ा होकर ऐसी दमनकारी रणनीति के खिलाफ लड़ना चाहिए।"

प्रेस काउंसिल की पूर्व सदस्य और जनमोर्चा (एक सहकारी समिति द्वारा चलाया जाने वाला अखबार) की स्थानीय संपादक सुमन गुप्ता ने भी तब्लीगी जमात के व्यवहार की कड़ी निंदा की और कहा कि इससे संगठन की मानसिकता सामने आई है।

उन्होंने कहा, "अगर तबलीगी जमात के पास अपने विचार हैं तो उसे उचित मंच के जरिए सामने लाना चाहिए ना कि मीडिया पर हमला करना चाहिए जो कि केवल अपना कर्तव्य निभा रहा है। इस तरह की कार्रवाई देश की लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए सीधा झटका है और इससे ²ढ़ता के साथ निपटा जाना चाहिए।"

इस बीच, वरिष्ठ पत्रकार राकेश पांडे ने कहा है कि तबलीगी जमात भारत में लाखों लोगों के साथ खतरनाक और गलत व्यवहार करने का दोषी है।

उन्होंने कहा, "इसके नेताओं को बहुत पहले गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए था। इसके बजाय, तबलीगी जमात अब मीडिया पर हमला कर रही है, जो एक अनुचित अपराध भी है।"


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