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उप्र : शिक्षा सेवा अधिकरण के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की हड़ताल स्थगित

 उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में 23 फरवरी से चल रही हड़ताल स्थगित कर दी गई है

उप्र : शिक्षा सेवा अधिकरण के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की हड़ताल स्थगित
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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में 23 फरवरी से चल रही हड़ताल स्थगित कर दी गई है और न्यायिक प्रक्रिया के जरिये विरोध जारी रखने का फैसला लिया है। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एसोसिएशन की आमसभा में यह प्रस्ताव पास किए गए। सभा में तय किया गया कि वरिष्ठ अधिवक्ता जी.के. सिंह की वरिष्ठ अधिवक्ताओं की कमेटी लखनऊ खंडपीठ में विचाराधीन जनहित याचिका पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को पक्षकार बनवाकर विरोध करेगी। इसके साथ ही प्रधान पीठ में विचाराधीन याचिका पर बार एसोसिएशन अपना पक्ष रखेगा।

शुक्रवार 12 मार्च से हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य पुन: बहाल होगा। अमरेंद्र नाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बार एसोसिएशन की आमसभा में ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया गया। यह भी तय किया गया कि वरिष्ठ अधिवक्ता जी.के. सिंह की वरिष्ठ अधिवक्ताओं की कमेटी लखनऊ खंडपीठ में विचाराधीन जनहित याचिका पर बार एसोसिएशन पक्षकार बनकर विरोध करेगी। साथ ही प्रधानपीठ प्रयागराज में विचाराधीन याचिका पर बार एसोसिएशन अपना पक्ष रखेगी। इसके अलावा व्यापार संगठन के साथ बैठकर प्रदेश बंद की योजना तैयार करेगी, जिसमें समय लगेगा।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि जब हम न्यायिक प्रक्रिया के तहत विरोध करने जा रहे हैं तो हड़ताल जारी रखने का औचित्य नहीं है। बार एसोसिएशन के आह्वान पर मंगलवार नौ मार्च को प्रयागराज बंद सफल रहने पर व्यापार संगठनों सहित अन्य सभी संगठनों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन सिद्धांतों की लड़ाई जारी रखेगा।

एसोसिएशन का मानना है कि अभी तक गठित अधिकरणों ने वादकारियों को केवल उलझाए रखा है। जिस उद्देश्य से इनका गठन किया गया था, वह पूरा करने में विफल रहे हैं। इसीलिए शिक्षक संघ भी शिक्षा सेवा अधिकरण का विरोध कर रहे हैं। उन्हें हाईकोर्ट से बेहतर व सुलभ न्याय मिल रहा है। एसोसिएशन का मानना है कि सरकार को शिक्षा सेवा अधिकरण वापस लेकर जनता को त्वरित न्याय देने में अदालतों का सहयोग करना चाहिए।


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